Mahakumbh Traffic Jam News: जाम की टेंशन हुई खत्म, फर्राटा भरते हुए रीवा के रास्ते जा सकते हैं प्रयागराज संगम में डुबकी लगाने

Huge Traffic Jam at Maha Kumbh Mela: रीवा पुलिस और प्रशासन से जुड़े लोग सड़कों पर सुरक्षा और व्यवस्था बनाने में जुटे हुए हैं, जिसके कारण अब स्थिति पूरी तरीके से सामान्य हो गई है.

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Mahakumbh Traffic Jam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा से प्रयागराज (Rewa-Prayagraj) खासतौर से मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सीमा चाकघाट में लगा हुआ जाम अब पूरी तरीके से समाप्त हो गया है. दरअसल, माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) के मौके पर बुधवार को तीसरा शाही स्नान प्रयागराज (Prayagraj) में किया गया, जिसके लिए श्रद्धालु पहले ही प्रयागराज पहुंच गए थे.

इस मामले में अब बेहतर बात यह है कि सड़कों पर कहीं भी जाम की स्थिति नहीं है. लोग आसानी से चाकघाट बॉर्डर क्रॉस कर महाकुंभ में संगम स्नान करने पहुंच रहे हैं. हालांकि, रीवा पुलिस और प्रशासन से जुड़े लोग सड़कों पर सुरक्षा और व्यवस्था बनाने में जुटे हुए हैं, जिसके कारण अब स्थिति पूरी तरीके से सामान्य हो गई है. सभी तीर्थ यात्री अपने वाहनों से आसानी से प्रयागराज पहुंच रहे हैं. दरअसल, पिछले दिनों से दक्षिण भारत सहित मध्य प्रदेश के लोग भी इस रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके चलते इस रास्ते में भारी ट्रैफिक जाम लग गया था.

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48 घंटे पहले 25 किलोमीटर लंबा था जाम

दक्षिण भारत को जोड़ने वाली रीवा-प्रयागराज मार्ग नेशनल हाईवे 30 बुरी तरह से जाम का शिकार बना हुआ था. केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश के सिवनी, जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, भोपाल, इंदौर, कटनी, सतना तक के लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. पिछले 48 घंटे पहले इसी सड़क पर लगभग मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर 25 किलोमीटर लंबा जाम लगा था. वहीं, रीवा, मैहर, कटनी और सतना में जगह-जगह गाड़ियों को रोका जा रहा था, जिसके चलते हर जगह जाम की स्थिति थी, जो अब पूरी तरीके से सामान्य हो गई है.

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इस वजह से जाम से मिली निजात

मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश जाम न होने की एक बड़ी वजह प्रयागराज को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया जाना है. वाहनों को तो आने दिया जा रहा है, लेकिन उन्हें दूर खड़ा करवाया जा रहा है, जैसे प्रयागराज जंक्शन से कुंभ स्नान के लिए 12 किलोमीटर का पैदल सफर, संगम स्टेशन से 6 किलोमीटर का पैदल सफर, प्रयाग स्टेशन से 7 किलोमीटर का पैदल सफर, दारागंज स्टेशन से 3 किलोमीटर का पैदल सफर, रामबाग स्टेशन से 8 किलोमीटर का पैदल सफर, नैनी स्टेशन से 12 किलोमीटर का पैदल सफर, सूबेदारगंज स्टेशन से 15 किलोमीटर का पैदल सफर, फाफामऊ स्टेशन से 8 किलोमीटर का पैदल सफर, छिवकी  स्टेशन से 16 किलोमीटर का पैदल सफर करके लोग संगम में स्नान करने जा रहे हैं. यहां जितनी भी पार्किंग बनाई गई हैं, सभी 8 से 10 किलोमीटर दूर है. इसकी वजह से दूर दराज के लोग वहां वाहन खड़ा करके पैदल ही संगम स्नान करने जा रहे हैं, जो जाम न लगने की एक बड़ी वजह है. इसके पूर्व लोग वहां अंदर तक जा रहे थे, जिसे पूरी तरीके से रोक दिया गया है.

जाम को लेकर विवाद ज्यादा नहीं हुआ

लोग लंबा सफर करके जिस तरीके से प्रयागराज की ओर जा रहे थे. उन्हें जगह-जगह रोका जा रहा था, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने ऐसी जगह चिन्हित की थी, जहां पर श्रद्धालुओं के लिए ढाबे थे. वहीं, प्रशासन की तरफ से खाने-पीने, ठहरने और दवाइयों का इंतजाम था. श्रद्धालु भी वहां पर रुक रहे थे और थोड़ा रेस्ट कर रहे थे. इसके चलते जाम को लेकर ज्यादा विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई.

इसके पहले दोनों शाही स्नान में थी भारी भीड़

आज के शाही स्नान के पूर्व प्रयागराज कुंभ में दो शाही स्नान हो चुके हैं. तब दोनों ही स्नान में नेशनल हाईवे 30 पर जगह-जगह जाम था, लेकिन प्रशासन ने दोनों शाही स्नान में हुई गलतियों से सबक लेते हुए तीसरे शाही स्नान में कुछ इस तरीके का इंतजाम किया, जिससे तीसरे शाही स्नान के दौरान रीवा-प्रयागराज नेशनल हाईवे 30 पूरी तरीके से खुल गया है. कहीं भी जाम की स्थिति नहीं है. पिछले दो शाही स्नान के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ से रीवा, सतना, कटनी, जबलपुर तक वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गई थी. लोग 15 घंटे से ज्यादा समय तक जाम में फंसे रहे, जिससे चारों तरफ हाहाकार मच गया था, जिसके चलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा में चाकघाट पहुंचने का निर्णय लिया था, जिसकी वजह से जाम खुल गया.

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मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और रीवा जिला प्रशासन को उचित दिशा निर्देश दिए थे,जिसके चलते जिला प्रशासन व पुलिस और तेजी से सक्रिय हो गए थे. प्रशासन लगातार लोगों के लिए व्यवस्था बनाने में जुटा रहा. जगह-जगह खाने पीने लंगर का इंतजाम किया गया. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को निर्देश देते रहे. डिप्टी सीएम ने तो चाकघाट तक का दौरा भी किया. इसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई और अब हालत यह है कि सड़कें कुछ दिन पहले तक वाहनों की वजह से दिखाई नहीं देती थी, जो अब खाली है. रीवा से होकर प्रयागराज जाने वाले वाहन बिना किसी अवरोध के चाकघाट बॉर्डर आसानी से पार कर प्रयागराज पहुंच रहे हैं. 

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