Illegal Mining : ग्वालियर अंचल में खनन माफिया इस हद तक सक्रिय हो गए है कि मुख्यमंत्री की सख्ती और प्रशासन का कड़ा एक्शन एक तरफ... फिर भी अवैध खनन का काम लगातार जारी है. खनन माफिया के खिलाफ प्रदेश में सबसे ज्यादा 261 मामले ग्वालियर जिले में दर्ज किए गए हैं, लेकिन इस सबके बावजूद माफिया पूरी तरह से बेखौफ होकर रेत, पत्थर, गिट्टी और मुरम का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. खासकर सिंध और पार्वती नदियों में रेत का अवैध खनन जोरों पर है. यही नहीं, पहाड़ों को काटकर पत्थर का उत्खनन भी हो रहा है.
खनन माफियाओं पर हो रहा कड़ा एक्शन
ग्वालियर में रेत और पत्थर के अवैध उत्खनन के खिलाफ प्रशासन ने कई बार कार्रवाई की है लेकिन माफिया की गतिविधियां अब भी लगातार जारी हैं. कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए खास अभियान चलाया गया है. इस अभियान के दौरान 261 मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि, खनिज विभाग, प्रशासन और पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि माफिया का कारोबार अब भी जारी है.
अब तक कितने मामले दर्ज ?
खनिज विभाग ने अप्रैल से दिसंबर 2024 तक अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया. इस दौरान कई मामलों में कार्रवाई की गई. अप्रैल में 31, मई में 27, जून में 11, जुलाई में 57, अगस्त-सितंबर में 31-31, अक्टूबर में 27, नवंबर में 16 और दिसंबर में 30 मामले दर्ज किए गए. इनमें से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के 198 मामले थे.
चेकपोस्ट के बावजूद माफिया कर रहे अवैध कारोबार
जिले में अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए कई चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं लेकिन फिर भी आलम ऐसा है कि खनन माफिया बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं. खासकर सिंध नदी में.... अवैध तरीके से पनडुब्बियों के जरिये रेत निकाली जा रही है जिससे जल जीवन और इको सिस्टम को नुकसान हो रहा है. रेत का अवैध उत्खनन बारिश के दौरान भी जारी रहा जबकि इस समय खनन पर रोक लगी हुई थी.
रेत की अवैध मंडियां और कारोबार
ग्वालियर शहर में अब अवैध रेत की मंडियां बन गई हैं जहां खाली भूमि पर रेत को स्टोर किया जाता है. ट्रैक्टर-ट्राली और डंपरों में अवैध रूप से रेत को बाजार में बेचा जा रहा है. ये रेत माफिया प्रशासन और सरकार को खुलेआम चुनौती देकर अपने अवैध कारोबार को फलने-फूलने दे रहे हैं. जिसे लेकर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.