श्मशान के लिए संघर्ष! तहसील के सामने शव को रखकर चक्काजाम, ग्रामीण बोले- स्थाई समाधान चाहिए

मऊगंज जिले के शिवराजपुर में cremation ground dispute को लेकर ग्रामीणों ने 75 वर्षीय छत्रपाल साकेत के शव के साथ road blockade कर दिया. प्रशासन द्वारा स्थायी समाधान न मिलने से Madhya Pradesh protest तेज हो गया है.

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Madhya Pradesh Protest: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के शिवराजपुर में एक बार फिर श्मशान भूमि के विवाद ने बड़ा रूप ले लिया. वर्षों से स्थायी समाधान न मिलने से नाराज़ ग्रामीणों ने इस बार 75 वर्षीय छत्रपाल साकेत के शव को तहसील कार्यालय के सामने रखकर चक्काजाम कर दिया. लगातार हो रही घटनाओं ने गांव वालों के गुस्से को भड़का दिया और प्रशासन पर तुरंत कार्रवाई का दबाव बढ़ गया.

श्मशान भूमि न मिलने से भड़का गुस्सा

शुक्रवार दोपहर शिवराजपुर के ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित स्थल पर पहुंचे, तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने फिर से विरोध किया. इसके बाद परिजन और ग्रामीण शव लेकर सीधे नईगढ़ी तहसील कार्यालय पहुंचे और सड़क पर ही शव रखकर चक्काजाम कर दिया.

दो महीनों में तीसरी ऐसी घटना

ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान भूमि पर निजी व्यक्तियों ने कब्जा कर रखा है, जिसके चलते हर बार अंतिम संस्कार में रुकावट आती है. दो महीनों में यह तीसरी बार है जब लोगों को शव लेकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. इससे पहले भी अस्थायी समाधान देकर मामला शांत कराया गया था, लेकिन स्थायी व्यवस्था न होने के कारण विवाद फिर खड़ा हो गया.

प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप

आंदोलन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन हर बार मौके पर आकर केवल अस्थायी उपाय करता है, जबकि उनकी मांग सालों से एक स्थायी श्मशान भूमि आवंटित करने की है. इसी नाराजगी में ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय के सामने ही चिता बनाने की तैयारी शुरू कर दी और लकड़ी तक उतार दी.

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चक्काजाम से रुकी आवाजाही

चक्काजाम के कारण नईगढ़ी मुख्य मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया. सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोग घंटों तक फंसे रहे. लगातार बढ़ते हंगामे के बावजूद जब अधिकारी देरी से पहुंचे, तो ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया.

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अधिकारी मौके पर पहुंचे, समझाइश जारी

सूचना मिलते ही एसडीएम राजेश मेहता, एसडीओपी सची पाठक, थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर और तहसीलदार सुनील द्विवेदी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराने की कोशिश की. ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक श्मशान भूमि का स्थायी समाधान आदेश के रूप में नहीं दिया जाता, विरोध जारी रहेगा.

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