Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर (Indore) में बाल और किशोर श्रमिकों को रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया है. दरअसल, इंदौर के पढ़रिनाथ पुलिस (Police) थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुक्ति दावेदार में एक बैग बनाने की फैक्टरी पर यह सभी कार्य कर रहे थे. इसी कड़ी में जिला महिला बाल विकास को खबर मिली जिसके बाद कार्रवाई के तहत तमाम बाल और किशोर श्रमिकों को मुक्त कराया गया. अधिकारी रामनिवास सितोले ने बताया कि जिला प्रशासन की टीम बाल श्रम उन्मूलन (Child Labor Elimination) के तहत अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है.
कुछ बच्चों को समझाइश देकर छोड़ा गया
मिली शिकायत के आधार पर महिला बाल विकास विभाग, श्रम विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बैग बनाने के कारखानों से 18 साल से कम उम्र के पांच किशोर और तीन बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है, जिसमें से 14 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चों को तो समझाइश देकर जाने दिया गया है, क्योंकि उनसे हार्ड वर्क नहीं कराया जा रहा था.
बाल कल्याण समिति की संस्था में रखा जाएगा
वहीं, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (Juvenile Justice Act) के तहत तीन बाल श्रमिकों को जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम थी, उन्हें बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के संस्था में रखा जाएगा. उनका मेडिकल कराया जा रहा है, इस मामले में कारखाने के संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि बाल श्रम के खिलाफ की गई इस कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि सभी बच्चों को थाने ले जाया गया. एक ही गाड़ी में बिठाकर जिसकी वजह से एक बच्चे की हालत भी बिगड़ गई थी.
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