मेयर बनेगा या पंक्चर वाला? पूर्व IAS नियाज खान ने बताया मुस्लिम युवाओं का भविष्य कैसे तय होता है?

Niyaz Khan Madhya Pradesh: दिल्ली धमाकों के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और MP के पूर्व IAS अधिकारी नियाज खान के बयानों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. नियाज खान ने कहा कि पढ़ा-लिखा मुस्लिम दुनिया में सम्मान पाता है जबकि कट्टरता अपनाने वाला पीछे रह जाता है. वहीं मदनी ने दावा किया कि भारत में मुसलमानों को उच्च पदों तक पहुंचने में बाधाएं हैं. दोनों बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी है.

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Madhya Pradesh EX IAS Officer Niyaz Khan
@saifasa

Niyaz Khan Madhya Pradesh: देश में मुस्लिम समाज, शिक्षा और नेतृत्व की बहस एक बार फिर जोर पकड़ चुकी है. दिल्ली धमाकों के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान ने जहां चर्चा शुरू की, वहीं मध्यप्रदेश के चर्चित पूर्व IAS अधिकारी नियाज खान की टिप्पणी ने इसे और गर्मा दिया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखे अपने पोस्ट में नियाज खान ने कहा कि पढ़ा-लिखा मुस्लिम दुनिया भर में नेतृत्व और सम्मान के पदों तक पहुंचता है, जबकि कट्टरता और अंधविश्वास में जीने वाला सामाजिक-आर्थिक रूप से पीछे रह जाता है. उनका पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गया और समर्थन के साथ आलोचना का विषय भी बन गया. 

क्या बोले नियाज खान?

अपने बेबाक अंदाज़ के लिए मशहूर नियाज खान ने लिखा-“जो मुस्लिम शिक्षा लेकर आगे बढ़ा, वह लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में मेयर बना, अमेरिका में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर बना. लेकिन जिसने कट्टरता को ज्ञान समझा, वह मेकेनिक, महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला या फिर पंक्चर बनाने वाला रह गया.” 

Madhya Pradesh EX IAS Officer Niyaz Khan
Photo Credit: @saifasa

उन्होंने कहा कि शिक्षा मुस्लिम समाज के लिए “रामबाण औषधि” है और इसी के दम पर दुनिया में पहचान और सम्मान मिलता है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने दोहराया कि पढ़ाई ही मुस्लिम युवाओं को आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और समाज में रोल मॉडल बनाती है.

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मदनी के बयान से असहमति

मौलाना अरशद मदनी ने हाल ही में कहा था कि भारत में मुस्लिम नेतृत्व और शिक्षा के शीर्ष पदों तक पहुंचना कठिन है और यहां वातावरण ऐसा बनाया जा रहा है कि मुसलमान सम्मानजनक पदों पर टिक न सकें. नियाज खान ने इस बयान को चुनौती देते हुए कहा क‍ि “भारत में अवसरों की कोई कमी नहीं है. शिक्षा और मेहनत के दम पर हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं.”

कौन हैं नियाज खान?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नियाज खान की प्रोफाइल बायो के अनुसार पूर्व IAS ऑफिसर और पर्यावरण प्रेमी हैं. क्लाइमेट चेंज को लेकर चिंता जता चुके हैं. 12 इंग्लिश नॉवेल लिखे हैं. ये सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर राय रखने के लिए चर्चित हैं. उनकी एक किताब पर वेब सीरीज भी बन चुकी है. खान पहले भी हिजाब विवाद, कश्मीर फाइल्स और धार्मिक कट्टरता जैसे मुद्दों पर बयान देकर सुर्खियों में रहे हैं. आईएएस नियाज खान 31 अक्टूबर को रिटायर हो गए हैं. 

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