Budhni Assembly Seat : बुधनी से न BJP का चेहरा बदला, न रिजल्ट लेकिन और बड़ी हो गई शिवराज की जीत

साल 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था. कांग्रेस के खाते में 114 तो वहीं बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं. इसके अलावा बसपा को दो, सपा को एक और 4 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

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2023 में बुधनी से और बड़ी हो गई शिवराज की जीत

Budhni Assembly Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. 163 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट चुकी है. विदिशा लोकसभा क्षेत्र की बुधनी विधानसभा सीट इस चुनाव की सबसे वीआईपी सीट रही जिस पर मुकाबला था प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अभिनेता से नेता बने कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम मस्तल के बीच. शिवराज सिंह चौहान ने विक्रम मस्तल को एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. 2018 में भी शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी से जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार उनकी विजय पिछली बार से ज्यादा बड़ी है. आइए जानते हैं कैसे,

2018 में भी शिवराज को मिली थी जीत

साल 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था. कांग्रेस के खाते में 114 तो वहीं बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं. इसके अलावा बसपा को दो, सपा को एक और 4 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. सीहोर जिले की बुधनी सीट पर एक तरफ थे शिवराज सिंह चौहान और उनके सामने थे कांग्रेस उम्मीदवार अरुण सुभाषचंद्र. 2018 में बुधनी में कुल 2,45,049 मतदाता थे.

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राज्य में भले बीजेपी हार गई हो लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी से जीत दर्ज की थी. उन्हें 1,23,492 वोट मिले थे जबकि उनके सामने कांग्रेस के अरुण सुभाषचंद्र के पक्ष में 64,493 वोट पड़े थे. इस हार का अंतर 58,999 वोटों का था. 60.3 फीसदी वोटर्स ने शिवराज के पक्ष में मतदान किया और 31.5 मतदाताओं ने अरुण सुभाषचंद्र के नाम के आगे का बटन दबाया. इस जीत का अंतर 28.8 प्रतिशत का रहा.

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2023 में और बड़ी हो गई जीत

साल 2023 में न बुधनी से बीजेपी का चेहरा बदला और न ही परिणाम. शिवराज सिंह चौहान को 1,64,951 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहे विक्रम मस्तल के पक्ष में 59,977 वोट पड़े. इस बार जीत का अंतर 1,04,974 वोटों का है. इस बार 71.2 फीसदी लोगों ने 'मामा' के पक्ष में मतदान किया है जो 2018 से 11 फीसदी ज्यादा है. वहीं 25.9 फीसदी वोटर्स ने कांग्रेस पर भरोसा जताया जो पिछली बार से 5.6 फीसदी कम है. इस बार शिवराज सिंह चौहान की जीत का अंतर पिछली बार से कहीं ज्यादा 45.3 प्रतिशत है.

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