मध्य प्रदेश में बना नौवां टाइगर रिजर्व, पीएम और सीएम ने क्या कहा?

Madhav Tiger Reserve News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिवपुरी जिले में माधव टाइगर रिजर्व का उद्घाटन किया, जो राज्य का नौवां टाइगर रिजर्व है। यह क्षेत्र वन्यजीव पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण होगा और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. मुख्यमंत्री यादव ने इसे राज्य के चंबल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

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Madhav Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी जिले में एक बाघिन को रिहा करके माधव टाइगर रिजर्व का उद्घाटन किया. यह एमपी का नौवां ऐसा रिजर्व है, जिसमें भारत में सबसे अधिक बाघ हैं.
यादव ने इसे राज्य के चंबल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "नौवें बाघ रिजर्व के अभूतपूर्व उपहार" के लिए धन्यवाद दिया.

सीएम यादव ने कहा, "मप्र सरकार चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. दुनिया में सबसे अधिक बाघ भारत में पाए जाते हैं और देश में सबसे अधिक बाघ मध्य प्रदेश में हैं. केवल चंबल क्षेत्र ही बाघों से रहित था. यह कमी भी आज पूरी हो गई है." 

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‘विकास के नए द्वार खुलेंगे...

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वन संपदा और वन्य जीव बड़ी संख्या में हैं. चंबल क्षेत्र के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीते, चंबल नदी में घड़ियाल और अब माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे. इस क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे. इस रिजर्व का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर किया गया. वे केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता थे. स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर इस बाघ अभयारण्य क्षेत्र का उद्घाटन प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक कदम है. 

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सिंधिया ने क्या कहा? 

इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को ऐतिहासिक सौगात देने के लिए यादव का आभार जताया. सिंधिया ने कहा कि माधव टाइगर रिजर्व ने चंबल क्षेत्र में वन्यजीव पर्यटन की संभावनाओं को मजबूत किया है. अब कूनो और माधव टाइगर रिजर्व का संयुक्त क्षेत्र 3000 वर्ग किलोमीटर से अधिक हो जाएगा. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान (नवीनतम जनगणना) द्वारा जारी 'भारत में बाघों की स्थिति: सह-शिकारी और शिकार-2022' रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे अधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश में 785 है, जिसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) का स्थान है.

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