Ajay Pratap Singh resigns from BJP: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह (Ajay Pratap Singh)ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर साढ़े तीन दशकों का नाता तोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी के कथनी और करनी में अंतर होने के साथ ही लोकसभा चुनाव (Loksabha Election)में प्रत्याशी चयन पर सवाल उठाया है.
35 साल पहले थामा था भाजपा का दामन
आज लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा होगी. इसके पहले अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. मध्य प्रदेश से हालही में कई बड़े नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद अब भाजपा से भी इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. शनिवार को राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा से त्याग पात्र दे दिया है. राज्यसभा सांसद करीब 35 वर्ष पूर्व भाजपा में शामिल होकर संगठन के विभिन्न पदों पर रहे हैं. मध्य प्रदेश BJP में प्रदेश महामंत्री के पद पर रहकर कुशल संगठक की भूमिका का निर्वहन करते रहे हैं. मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर संगठन को लेकर उनकी एक अलग पहचान रही है. जिसके चलते ही करीब 6 साल पहले उन्हें मध्य प्रदेश की ओर से भाजपा ने राज्यसभा सांसद बनाकर राज्यसभा में भेजा था. अब उनका कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो जाएगा.
दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं अजय
भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले अजय प्रताप सिंह को BJP ने विधानसभा चुनाव में दो बार मौका दिया है. एक बार गोपद वनास विधानसभा क्षेत्र से तो दूसरी बार चुरहट विधानसभा क्षेत्र से उनको प्रत्याशी बनाया गया था. दोनों चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वह लगातार संगठन में बने रहे और अब लोकसभा चुनाव की जब बारी आई तो टिकट न मिलने के चलते उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. टिकट चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उन्होंने अपनी प्राथमिक सदस्यता का त्यागपत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को प्रेषित कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अजय प्रताप सिंह को वर्ष 2011 से वर्ष 2013 तक विंध्य विकास प्राधिकरण अध्यक्ष के रूप में पद दिया. इसके बाद राज्यसभा सांसद बना कर उच्च सदन में भेजा गया और एक बार फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही थी.
त्यागपत्र का ऐलान करते हुए क्या कहा अजय ने
अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मैं भारी मन के साथ भाजपा से त्यागपत्र देने का ऐलान कर रहा हूं क्योंकि भाजपा के कथनी और करनी में अब बड़ा फर्क दिखने लगा है. मैं भाजपा के संघर्ष के दिनों में साथ खड़ा रहा. लेकिन अब बीजेपी व्यापारियों का अड्डा बनाकर रह गई है. यहां लूट भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को महत्व दिया जाता है. लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर के समिति को आधार मानकर प्रक्रिया पूर्ण करने की बात कही गई थी. लेकिन इसका पालन नहीं किया गया है. इसलिए ऐसी पार्टी में रहने के बजाए मैं अपने प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.
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आगे की रणनीति पर कुछ भी बोलने से इंकार
भाजपा से त्यागपत्र देने की बात को सार्वजनिक करने के बाद अजय प्रताप सिंह कुछ भी बोलने से इंकार कर दिए. मीडिया ने सवाल किया कि क्या आप कांग्रेस ज्वाइन करेंगे या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन आगामी समय में जैसे ही कुछ निर्णय लेंगे वह मीडिया को सार्वजनिक करेंगे. कुल मिलाकर माना जा रहा है कि अब अजय प्रताप सिंह सीधी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी में है. जिसके चलते वह अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से लगातार संपर्क में रहे और कई दिनों तक मंथन करने के बाद त्यागपत्र देने के नतीजे पर पहुंचे हैं.
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