Lok Sabha Election 2024: सावित्री-राधेश्याम के बीच कड़ी टक्कर, जानें Dhar Lok sabha Seat का इतिहास

Dhar Lok sabha Seat: धार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 1962 से अब तक इस सीट पर कुल 15 चुनाव हो चुके हुए हैं, जिसमें से 7 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, 3 बार भारतीय जनसंघ और 1 बार भारतीय लोक दल चुनाव जीतीं है. वहीं इस बार बीजेपी ने सावित्री ठाकुर और कांग्रेस से राधेश्याम मुवेल को मैदान में उतारा है.

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Dhar Lok sabha Seat: मध्य प्रदेश का धार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Dhar Lok Sabha Constituency) भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2019 के आम चुनावों में यहा‍ं बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था. भाजपा के प्रत्याशी छतरसिंह दरबार (Chhatar Singh Darbar) ने पिछले चुनाव में 1,56,029 मतों के अंतर से जीत दर्ज किया. उन्हें 7,22,147 वोट मिले. छतरसिंह दरबार ने कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवार दिनेश गिरवाल (Girwal Dinesh) को हराया था. जिन्हें 5,66,118 वोट मिले. धाड़ की जनसांख्यिकी विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह मध्य प्रदेश के लोक सभा क्षेत्रों में रोचक और अहम है.

सावित्री ठाकुर और राधेश्याम मुवेल के बीच मुकाबला

इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोक सभा चुनाव में 70.12% मतदान हुआ था. इस बार यानी कि 2024 में मतदाताओं में खासा उत्साह है. इस वर्ष यानी कि 2024 में धार लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से सावित्री ठाकुर (Savitri Thakur) और कांग्रेस से राधेश्याम मुवेल (Radheshyam Muvel) प्रमुख उम्मीदवार हैं.

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धार लोकसभा सीट का इतिहास 

साल 1962 से अब तक कुल 15 चुनाव देख चुके धार लोकसभा सीट में 7 बार कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि 4 बार बीजेपी, 3 बार भारतीय जनसंघ और 1 बार भारतीय लोक दल चुनाव जीतीं है. साल 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा यहां से जीत का स्वाद चखा. 

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धार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. ये सीट इस मामले में भी दिलचस्प है कि एक समय में ये जनसंघ का गढ़ थी, लेकिन जब जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ तो 1977 में यहां भारतीय लोक दल की जीत हुई थी. हालांकि साल 1980, 1984, 1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने परचम लहराया. वहीं 1996 में भाजपा ने यहां पहली बार जीत का स्वाद चखा और छतर सिंह दरबार यहां से सांसद बने.

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कब किस पार्टी का रहा कब्जा

2 साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में फिर कांग्रेस मजबूती से उभरी और कांग्रेस प्रत्याशी गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी (Gajendra Singh Rajukhedi) ने यहां जीत दर्ज की. इसके बाद साल 1999 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने धार सीट से जीत दर्ज की. साल 2004 में जहां भाजपा को देश में हार का सामना करना पड़ा था, वहीं धार में छतर सिंह (Chhatar Singh Darbar) ने भाजपा का परचम लहरा दिया था, लेकिन गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने एक बार फिर से 2009 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत दिलाई, लेकिन साल 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा की सावित्री ठाकुर (Savitri Thakur) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

BJP  और कांग्रेस के बीच होगी कड़ी मुकाबला

धार सीट के बारे में कहा जाता है कि यहां चुनाव देश के मुद्दों से ज़्यादा लोकल मुद्दों पर लड़ा जाता है और जनता लोकप्रिय चेहरों को ही वोट देती है. ऐसे में भाजपा की वापसी यहां इस बात पर निर्भर करेगी की सावित्री ठाकुर के कामों से धार की जनता कितनी खुश है. वहीं विधानसभा चुनावों के नतीजों से बेहद खुश और आत्मविश्वास से भरी कांग्रेस की पूरी कोशिश इस बार अपने हार का बदला लेने की होगी. यानी कि कुल मिलाकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच में कड़ी मुक़ाबला होने की उम्मीद है.

परमार राजा भोज ने बसाया धार क्षेत्र को 

धार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश का महत्‍वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. इस प्राचीन शहर को परमार राजा भोज ने बसाया था. बेरन पहाड़ियों से घिरे इस इस क्षेत्र को झीलों और हरे-भरे वृक्षों ने खूबसूरत बना रखा है. यहां अनेक हिन्दू और मुस्लिम स्मारक आज भी मौजूद हैं. एक जमाने में मालवा की राजधानी रहे इस क्षेत्र में धार किला और भोजशाला मंदिर यहां के पर्यटन का प्रमुख केंद्र है. मालवा क्षेत्र में आने वाला यह शहर विंध्यांचल पहाडि़यों और नर्मदा घाटी से घिरा है. बाग नदी के किनारे स्थित गुफाएं ऐतिहासिक हैं. यहां पर 5वीं और 6वीं शताब्दी की चित्रकला है. यहां की बौद्धकला भारत ही नहीं एशिया में भी प्रसिद्ध है.

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