Lok Sabha Election: बड़ी भविष्यवाणी, 'चुनाव परिणाम आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे'

2024 Lok Sabha Election: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे 1977 में आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे, जब 'लोकतांत्रिक ताकतों ने एक बड़ी पार्टी को हरा दिया था.' उन्होंने कहा कि यह चुनाव ‘युद्ध मशीन' और ‘लोकतांत्रिक ताकतों' के बीच होगा. तन्खा ने कहा कि उस समय आपातकाल का दबाव कम होने लगा, तो विपक्ष एकजुट होने लगा था और इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.

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Lok Sabha Election 2024: भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (MP Narendra Modi) तीसरी बार देश की सत्ता में आने का दावा कर रहे हैं. बाकायदा भाजपा (BJP) की ओर से 'अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया जा रहा है. वहीं, कांग्रेस पार्टी (Congress Party) भी पूरी ताकत के साथ मुद्दा आधारित होकर जनता को जगाने के काम में जुटी है. इसके लिए बाकायदा कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' (Bharat Jodo Niyay Yatra) निकाल रहे हैं. इस दौरान वे लोगों को केंद्र सरकार की खामियों से अवगत करा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (ViVek Tankha) ने बड़ी भविष्यवाणी की है. तन्खा का कहना है कि इस चुनाव में पीएम मोदी का वही हाल होगा, जो आपातकाल (!977 Emergency) के बाद इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का हुआ था.

आपातकाल के समय से की तुलना

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे 1977 में आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे, जब 'लोकतांत्रिक ताकतों ने एक बड़ी पार्टी को हरा दिया था.' उन्होंने कहा कि यह चुनाव ‘युद्ध मशीन' और ‘लोकतांत्रिक ताकतों' के बीच होगा. तन्खा ने कहा कि उस समय आपातकाल का दबाव कम होने लगा, तो विपक्ष एकजुट होने लगा था और इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.

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'युद्ध मशीन' और 'लोकतांत्रिक ताकतों' के बीच होगा मुकाबला'

विवेक तन्खा ने कहा कि विपक्षी दल शुरू में भयभीत थे, क्योंकि उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर जैसी जांच एजेंसियां 'हमला' कर रही थीं, लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आए हैं, तो लोग आगे आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि एक 'युद्ध मशीन', जिसे मैं भारतीय जनता पार्टी कहता हूं, वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकती है. यह चुनाव ‘युद्ध मशीन' और ‘लोकतांत्रिक ताकतों' के बीच का चुनाव होगा. आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे 1977 में आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे, जब 'लोकतांत्रिक ताकतों' ने एक बड़ी पार्टी को हरा दिया था.

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मार्च 1977 में हुए लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की करारी हार हुई थी, जिसमें जनता गठबंधन ने 345 सीटें जीती थी. तन्खा ने कहा कि भाजपा खुद को एक ‘युद्ध मशीन' के रूप में देखती है और दुष्प्रचार करती है, लेकिन लोकतंत्र युद्ध मशीन उससे नहीं डरता और समय आने पर यह मजबूत होता है. 

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