Gwalior Food Poising News : एशिया के सबसे बड़े शारीरिक खेल प्रशिक्षण और शिक्षण संस्थानो में शुमार लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान (Lakshmibai National Institute Of Physical Education) में फूड पॉइजनिंग की घटना में बीमार हुए सौ से अधिक स्टूडेंट्स का जेएएच के नए अस्पताल (Jaya Arogya Hospital) में अभी भी इलाज चल रहा है. इनमें से सात की हालत अभी भी गम्भीर बनी हुई है. संस्थान ने इस मामले के पूरे घटनाक्रम की जांच कराने और दोषियों पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराने की बात कही है.
पहले जानिए क्या है घटनाक्रम?
इस घटना की शुरुआत मंगलवार के डिनर से हुई. कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वैसे मेस में चिकन (Chicken) और पनीर (Paneer) दोनों बनते है लेकिन उस रात डिनर में चिकन नहीं बना था इसलिए सारे बच्चों को पनीर की सब्जी ही परोसी गई. बच्चों ने जब चावल खाये तो उन्हें इसका स्वाद भी ठीक नहीं लगा. देर रात से स्टूडेंट्स को दिक्कत होना शुरू हुई. सुबह तक अनेक छात्र छात्राओं को बुखार आने लगा इसके साथ ही पेट दर्द और दस्त भी समस्या होने लगी. कुछ को उल्टियां भी हुईं. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने इसकी सूचना वार्डन और रजिस्ट्रार को दी.
संस्थान की लापरवाही, दिन भर वहीं इलाज करते रहे
इस मामले में संस्थान के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. स्टूडेंट की हालत सुधर नहीं रही थी, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें जेएएच (Hospital) भेजने की जगह परिसर में ही इलाज किया जाता रहा. वहां पदस्थ डॉक्टर उन्हें वायरल की दवा देते रहे. हालांकि सभी के ब्लड सैम्पल्स जांच के लिए भेजे गए, उस समय मलेरिया की आशंका थी. लेकिन शाम को जब जांच रिपोर्ट आई तब हड़कम्प मच गया उसमे फूड पॉइजनिंग (Food Poising) के कारण गम्भीर इंफेक्शन होने की बात सामने आयी.
शाम को ले गए हॉस्पिटल
शाम तक बीमारों की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें फटाफट जेएएच के नए परिसर में ले जाया गया. एक साथ इतने स्टूडेंट्स को दर्द से कराहते देख हॉस्पिटल में भी अफरा-तफरी मच गई. सूचना मिलते ही हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ धाकड़ मौके पर पहुंच गए. इस बीच एक ही स्ट्रेचर से कई बच्चों को ले जाने के कारण स्ट्रेचर (Stretcher) भी टूट गया जिसमें कुछ को चोट भी आ गयी. हालत ये थे कि जिसे जहां जगह मिली उसे वहीं प्राथमिक उपचार (Primary Treatment) देना शुरू कर दिया गया.
डॉ.आरकेएस धाकड़
रजिस्ट्रार ने कहा- हर एंगल से होगी जांच
एलएनआईपीई के रजिस्ट्रार डॉ अमित यादव का कहना है कि स्वच्छता पखवाड़ा के कारण तीन दिन से छुट्टी चल रही थी. बच्चों ने स्वच्छता के काम भी किये. सुबह से कुछ कम्प्लेंट आईं तो लगा नॉर्मल फीवर हो सकता है. वायरल फैल रहा है. जब संख्या बढ़ी तब टेस्ट कराए गए तो उनके व्हाइट सेल के काउंट बढ़े हुए आये. उनमें हाइली इंफेक्शन आया तब लगा कि तेज बुखार की वजह इंफेक्शन है. उसके बाद इन्हें जेएएच में भर्ती कराया गया. इस इंफेक्शन की वजह डिनर या सुबह का नाश्ता हो सकता है. मैस में कौन है? सप्लायर कौन था? इस समस्या के कारणों की हर एंगल से जांच होगी.