ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना के लिए वकील करेंगे आंदोलन

ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना को लेकर अधिवक्ता और सामाजिक संगठन सक्रिय हैं. मूर्ति स्थापना का विरोध करने वालों के बीच तनाव के बीच वकील सड़कों पर आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार से बिना विलंब मूर्ति स्थापित करने की अपील की गई है.

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Dr. BR Ambedkar statue, Gwalior High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ज्ञापन देकर ग्वालियर हाईकोर्ट में "बाबा साहब भीमराव अंबेडकर" की मूर्ति स्थापना की मांग करने वाले अधिवक्ताओं ने बिना विलंब के जल्द मूर्ति स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार से अपील की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अब एक बड़ा आंदोलन ग्वालियर की सड़कों पर होगा, जिसमें संविधान में विश्वास रखने वाले देशभर के अधिवक्ता (वकील) मौजूद रहेंगे.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर शाखा में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है. मूर्ति स्थापना की मांग करने वाले अधिवक्ताओं और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि बाबा साहब की प्रतिमा का मुद्दा अब केवल वकीलों का नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा बन गया है.

उन्हें चिंता है कि कुछ लोग बाबा साहब की छवि को खराब करने में लगे हैं. उनका कहना है कि बाबा साहब किसी जाति, समुदाय या धर्म विशेष के नहीं हैं; वे इस देश की राष्ट्रीय धरोहर हैं. इसलिए बाबा साहब का अपमान करने वाले लोग देशद्रोही की श्रेणी में आते हैं.

ऐसे में अब ग्वालियर हाईकोर्ट में एक बड़ा आंदोलन होगा, जो सड़कों पर भी दिखाई देगा. इस आंदोलन में संविधान में विश्वास रखने वाले देश के अधिवक्ता ग्वालियर में एकजुट होंगे. मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस को ज्ञापन देकर बाबा साहब की मूर्ति को बिना विलंब स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार से अपील की गई है.

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गौरतलब है कि फरवरी 2025 में चीफ जस्टिस को ज्ञापन देकर ग्वालियर हाईकोर्ट में बाबा साहब की मूर्ति स्थापना की मांग की गई थी. ज्ञापन को रिकॉर्ड पर लिया गया और मार्च 2025 में हाईकोर्ट का प्रशासनिक आदेश मूर्ति स्थापना के लिए जारी किया गया. लेकिन कुछ अधिवक्ताओं ने मूर्ति स्थापना का विरोध किया, जिससे मामला हाईकोर्ट परिसर से बाहर सड़कों तक आ गया. बहरहाल, मूर्ति स्थापना के समर्थन और विरोध में रक्षक मोर्चा, भीम आर्मी और कई सामाजिक संगठन आमने-सामने खड़े हैं.

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