कान्हा नेशनल पार्क की बड़ी त्रासदी, आपसी संघर्ष में तीन बाघों की मौत

मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क मंडला में तीन बाघों की मौत हो गई। इनमें दो मासूम शावक और एक व्यस्क नर बाघ शामिल हैं। शावकों को नर बाघ ने मारा, जबकि मुक्की रेंज में क्षेत्रीय संघर्ष में एक व्यस्क बाघ की मौत हुई। घटना को कान्हा के इतिहास की बड़ी त्रासदी माना जा रहा है।

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Kanha National Park Tiger Deaths: मध्य प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क मंडला से बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां तीन बाघों की मौत हो गई. मरने वालों में दो मासूम शावक और एक व्यस्क नर बाघ शामिल है. पार्क प्रबंधन ने इसे कान्हा टाइगर रिजर्व के इतिहास की बड़ी और बेहद दुखद घटना बताया है.

जानकारी के अनुसार, कान्हा रेंज के 9 नंबर रोड पर दो से तीन महीने की उम्र की दो मादा बाघ शावकों की मौत हुई. प्रत्यक्षदर्शियों और वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन दोनों शावकों को एक व्यस्क नर बाघ ने मार डाला. वहीं, मुक्की रेंज के मवाला क्षेत्र में करीब 8 से 10 साल के एक व्यस्क नर बाघ की भी मौत हो गई. इस नर बाघ को दूसरे पट्टेधारी (collared) नर बाघ ने क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई में मार दिया. 

पार्क प्रबंधन और डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और बाघों के शवों का परीक्षण किया. वन विभाग ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल के तहत दोनों मादा शावकों का अंतिम संस्कार कर दिया है. नर बाघ का अंतिम संस्कार किया जाएगा. हालांकि प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

बाघ क्‍यों करते हैं एक-दूसरे पर हमला?

वन्यजीव विशेषज्ञ बताते हैं कि बाघों में आपसी संघर्ष आमतौर पर सहवास (mating) या क्षेत्रीय वर्चस्व (territorial dominance) को लेकर होता है. नर बाघ अक्सर अपने इलाके की रक्षा के लिए दूसरे बाघों से संघर्ष करते हैं. वहीं, कभी-कभी शावकों को भी नर बाघ मार डालते हैं, ताकि मादा बाघ पुनः सहवास के लिए तैयार हो सके.

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कान्हा टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है और यहां बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है. लेकिन एक साथ तीन बाघों की मौत ने पार्क प्रबंधन और पर्यावरण प्रेमियों को झकझोर दिया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना वन्य जीवन के स्वाभाविक व्यवहार का हिस्सा है, लेकिन फिर भी यह बाघ संरक्षण की दृष्टि से बड़ी क्षति है. कान्हा में हुई इस घटना ने एक बार फिर बाघों के रहन-सहन और उनके संघर्षपूर्ण जीवन की झलक सामने रखी है. फिलहाल पार्क प्रशासन स्थिति की निगरानी कर रहा है और उच्च अधिकारियों को पूरी जानकारी भेज दी गई है.

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