JEE Mains Result 2025: निशुल्क कोचिंग से 89 छात्रों ने किया JEE और NEET क्वालीफाई, इस अकेले जिले से 3 वर्ष में 268 स्टूडेंट्स की बदली किस्मत

JEE Mains Result: सरकारी स्कूलों के गरीब छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने के लिए जिले के सभी ब्लॉकों में शिक्षा विभाग की ओर से कोचिंग क्लास संचालित की जाती है. इसमें सरकारी स्कूलों के शिक्षक ही इन छात्रों को अध्यापन कार्य करवाते हैं.

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JEE Main Result Out: बैतूल जिले (Betul District) में सरकारी स्कूलों (Government School) में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को शिक्षा विभाग JEE और NEET की निःशुल्क कोचिंग दिलवा रहा है. JEE की जनवरी और अप्रैल में हुई परीक्षाओं के परिणाम में बैतूल जिले के सरकारी स्कूलों के 89 छात्रों ने उत्कृष्ट अंक हासिल किए हैं, जिसमें 29 बच्चों ने एडवांस परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया है. इन बच्चों में कई छात्र ऐसे भी हैं जिन्होंने 95 परसेंटाइल तक हासिल किए हैं,जिन्हें अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है.

सरकारी स्कूलों के गरीब छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने के लिए जिले के सभी ब्लॉकों में शिक्षा विभाग की ओर से कोचिंग क्लास संचालित की जाती है. इसमें सरकारी स्कूलों के शिक्षक ही इन छात्रों को अध्यापन कार्य करवाते हैं. अब इसके परिणाम भी सामने आने लगे है. ऐसे में बैतूल से महानगरों में जाकर निजी कोचिंग क्लासेस की महंगी फीस नहीं भर पाने वाले छात्रों के लिए  निशुल्क कोचिंग क्लास वरदान साबित हो रहा है.

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ऐसे शुरू हुई थी फ्री कोचिंग क्लास

दरअसल, बैतूल मध्य प्रदेश का एक आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां तीन साल पहले तात्कालीन कलेक्टर मनबीर सिंह बैस ने सरकारी स्कूल में  पढ़ने वाले बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्होंने भोपाल की कुछ कोचिंग संस्थानों से बात कर बच्चों को भेजा था, लेकिन बच्चों को वहां का माहौल शूट नहीं हुआ और बच्चे सेलेक्ट भी नहीं हो सके, जिसके बाद मनबीर सिंह बैस और जिला शिक्षा अधिकारी अनिल सिंह कुशवाह ने जिला स्तर पर JEE और NEET की कोचिंग के सब्जेक्ट वाइज चयन किया गया. बच्चों ने भी इसमें रुचि दिखाई और सार्थक परिणाम आए तो अधिकारियों का भी हौसला बढ़ा. इसके बाद तो सभी ब्लॉक मुख्यालय पर निशुल्क कोचिंग की शुरुआत कर दी गई.

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खुद अध्यापन कर कराते हैं अध्यापक

JEE और NEET की निशुल्क कोचिंग के लिए सब्जेक्ट वाइज टीचर स्कूलों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर कोचिंग के लिए अलग से समय निकालते हैं. इसके सा ही कोचिंग में बच्चों को 2 घण्टे पढ़ाने के लिए खुद चार घण्टे तैयारी कर नोट बनाते हैं और उसी आधार पर बच्चों को निःशुल्क पढ़ाते हैं.

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तीन सालों में 268 बच्चों को मिली सफलता

JEE और NEET जैसी परीक्षा में जहां लोग अपने बच्चों का भविष्य गढ़ने के लिए लाखों रुपये लगाते हैं. वहीं, सरकारी निशुल्क कोचिंग में  प्रथम वर्ष(JEE और NEET) 95 द्वितीय वर्ष ( JEE और NEET) 85 और तृतीय वर्ष अभी तक JEE 88, एडवांस के लिए क्वालीफाई 29 छात्र छात्राओं का चयन हुआ. इस तरह अभी तक कुल 268 बच्चों ने परचम लहराया है.

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