Jabalpur News: अब तक आप ने हिरण या बंदर को निगलते अजगर को देखा होगा, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं, उसे पढ़ आपके भी होश उड़ जाएंगे. दरअसल, मंडला का रहने वाला रामसहाय एक बारात में जबलपुर आया था, जब वह सुबह शौच करने के लिए खेत में गया, तो उसे एक 15 फीट लंबे अजगर ने जकड़ लिया.
पहले तो राम सहायक को कुछ समझ में नहीं आया. फिर उसमें बचने की बहुत कोशिश की, लेकिन तब तक अजगर अपनी पकड़ बना चुका था. रामसहाय के दोनों पैर पर अजगर दो चक्कर लगाकर फंदा बना चुका था. तब राम सहाय ने अजगर का मुंह पकड़ लिया और छूटने की कोशिश करने लगा. राम सहाय ने पूरी ताकत लगाकर अजगर की पकड़ से छूटने की कोशिश की. जब सफल नहीं हो सका, तो जोर-जोर से चिल्लाया. इसके बाद ग्रामीणों ने पहले तो रामसहाय को हाथों से पकड़कर अजगर के जकड़ से निकलने की कोशिश की, लेकिन जितना निकालने की कोशिश की जा रही थी. अजगर उतने ही शक्ति से राम सहाय को जकड़ रहा था. ऐसा लग रहा था कि अजगर की जकड़ से राम सहाय के पैरों की हड्डियां टूट जाएगी. तब ग्रामीणों ने अजगर को मारकर युवक को बचाया.
अजगर जकड़ रहा था ग्रामीण बना रहे थे वीडियो
ये घटना 17 जुलाई की जबलपुर के कल्याणपुर गांव की बताई जा रही है. किसी ने मोबाइल से इस घटना का वीडियो बना लिया था, जो अब वायरल हुआ है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब अजगर ने राम सहाय को जकड़ना शुरू ही किया था. उसी समय यदि लोगों ने उसे खींच लिया होता, तो अजगर की पकड़ मजबूत न होती और राम सहाय आसानी से निकल सकता था, लेकिन लोग उसे बचाने के बजाय वीडियो बना रहे थे. तब कुछ ग्रामीणों ने हिम्मत कर आगे बढ़े और अजगर से राम सहाय को छुड़ा पाए.
अजगर को मारकर बचाई युवक की जान
अजगर की कठोर और मजबूत पकड़ में फसें राम सहाय ने करीब 20 मिनट तक संघर्ष किया. खूब हाथ-पैर मारे. लेकिन छूट पाना मुश्किल हो रहा था. राम सहाय के चिल्लाने पर मदद को आए लोगों ने भी अजगर की पकड़ से युवक को निकालने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वो भी सफल नहीं हुए. वहीं, अजगर राम सहाय को जमीन पर गिरा कर उसकी गर्दन तक पहुंच गया था. इसके बाद उसे निगलने की कोशिश करने लगा. युवक ने अपनी जान बचाने के लिए अजगर का मुंह पकड़ लिया और जोर-जोर से चिल्लाया.
वन अमला भी पहुंचा
इस बीच किसी ने वन विभाग को फोन कर दिया. इसके बाद वन अमला भी स्थल पर पहुंचा, लेकिन उसके पास अजगर से बचने - बचाने का कोई साधन नहीं था. जब ग्रामीणों ने वन विभाग को लाचार पाया, तब लकड़ी और फावड़े से अजगर को मारना शुरू किया. तब अजगर की पकड़ ढीली हो पाई. इसके बाद जब अगर मार गया, तब जाकर उसने राम सहाय को छोड़ा.
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अजगर मारने का वन विभाग बना रहा था केस
वन विभाग अजगर को मारने का मामला दर्ज कर रहा था. तभी भीड़ में उपस्थित एक एडवोकेट ने बताया कि आत्मरक्षा और जीवन रक्षा के लिए मारे जाने पर वन्य जीव रक्षा का मामला दर्ज नहीं हो सकता. इसलिए सूचना दर्ज की जाए. घटना दर्ज की जाए, लेकिन किसी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जाए. वन विभाग के कर्मियों ने अपने उच्च अधिकारियों से बात कर मामले को रिपोर्ट के रूप में दर्ज किया, लेकिन किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया.
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