International Tiger Day: मध्य प्रदेश एक बार फिर बना टाइगर स्टेट, सीएम मोहन ने प्रदेशवासियों को भेजी शुभकामनाएं

MP CM Congratulate People Of State: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर एक बार मध्य प्रदेश के टाइगर स्टेट बनने पर शुभकामनाएं भेजते हुए जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आह्वान किया.

Advertisement
Read Time: 3 mins

International Tiger Day: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेश वासियों को बधाई दी है. मध्य प्रदेश को एक बार टाइगर स्टेट बनने की शुभकामनाएं देते सीएम ने कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्य प्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है, जहां बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुंच गई है. मध्य प्रदेश सीएम ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर एक बार मध्य प्रदेश के टाइगर स्टेट बनने पर शुभकामनाएं भेजते हुए जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आह्वान किया.

सोशल मीडिया पर प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुभकामानए भेजेते हुए सीएम ने लिखा. हम सभी जानते हैं मध्य प्रदेश 'टाइगर स्टेट' अर्थात भारत के अधिकांश बाघों का घर है. मध्य प्रदेश ने अपनी इस उपलब्धि से इको टूरिज्म की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं. इसलिए हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि बाघों के संरक्षण को बढ़ावा दें, उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें तथा पर्यावरण संतुलन की दिशा में सदैव कार्य करते रहें.

मध्य प्रदेश एक बार फिर बन गया टाइगर स्टेट

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेश वासियों शुभकामनाएं देते हए कहा कि, वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है. समुदाय के सहयोग के बिना वन्य प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है. वन विभाग और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जिनके कारण मध्य प्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है.

Advertisement

प्रदेश में 526 से बढ़कर 785 हुई बाघों की आबादी

गौरतलब है मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी 526 से बढ़कर 785 पहुंच गई है, यह देश में सर्वाधिक है. प्रदेश में पिछले चार-पांच सालों में 259 बाघ बढ़े हैं. प्रदेश के बाघ प्रदेश बनने का पहला कारण, गांवों का वैज्ञानिक विस्थापन है. दूसरा बड़ा कारण, ट्रांसलोकेशन है और तीसरा बड़ी वजह हैबिटेट विकास, जिससे प्रदेश में बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद मिली.

बकौल मुख्यमंत्री, बाघों के संरक्षण के लिए संवेदनशील प्रयासों की आवश्यकता होती है, जो वन विभाग के सहयोग से संभव हुई है, हमारे प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में बेहतर प्रबंधन से जहां एक ओर वन्य प्राणियों को संरक्षण मिलता है, वहीं बाघों के प्रबंधन में लगातार सुधार भी हुए हैं.

सीहोर में वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता का दिखा उदाहरण

वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता का सीहोर जिले में एक बड़ा उदाहरण सामने आया था, जब बुदनी के मिडघाट रेलवे ट्रेक पर ट्रेन की चपेट में आए एक बाघिन के 3 शावकों में से गंभीर रूप से घायल दो शावकों को सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन और वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा एक डिब्बे की विशेष ट्रेन से उपचार के लिए भोपाल लाया गया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें-मध्य प्रदेश में बाढ़ का खतरा, अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश, सीएम मोहन ने देर रात किया औचक निरीक्षण