International Cheetah Day: अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस का मुख्य उद्देश्य चीतों की घटती आबादी, उनके आवास के नुकसान और शिकार जैसी समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिये वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है. एपीसीसीएफ एवं निदेशक लॉयन प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश ने बताया कि चीता परिवार की सुरक्षा और प्राकृतिक परिवेश में सफल अनुकूलन सुनिश्चित करने के लिये उन्नत रेडियो-ट्रेकिंग प्रणाली और समर्पित फील्ड टीमों के माध्यम से सतत निगरानी की जायेगी. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कूनो राष्ट्रीय उद्यान के परोंड वन क्षेत्र में आयोजित होगा, जो निर्धारित पर्यटन जोन है. इस क्षेत्र में चीता परिवार की मौजूदगी से ईको पर्यटन के नये अवसरों के साथ ही प्रोजेक्ट चीता के प्रति जन-सहभागिता और रुचि में और अधिक वृद्धि होने की अपेक्षा है.
PM और CM ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस' के मौके पर कहा कि तीन साल पहले शुरू किए गए 'प्रोजेक्ट चीता' का उद्देश्य इस शानदार प्रजाति की रक्षा करना और उस पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जन्म देना है जिसमें चीता वाकई फल-फूल सके. पीएम ने गर्व करते हुए कहा कि आज भारत कई चीतों का घर है और इनमें से काफी संख्या भारतीय धरती पर ही जन्मे हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर, मैं सभी वन्यजीव प्रेमियों और उन संरक्षणकर्ताओं को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, जो इस ग्रह के सबसे अद्भुत जीवों में से एक, चीता की रक्षा के लिए समर्पित हैं. तीन साल पहले हमारी सरकार ने इस शानदार प्राणी की सुरक्षा और उस इकोसिस्टम को पुनर्जन्म देने के मकसद से 'प्रोजेक्ट चीता' शुरू किया था, जिसमें वह वास्तव में फल-फूल सके. यह खोई हुई पर्यावरणीय विरासत को पुनर्जीवित करने और हमारी जैव-विविधता को मजबूत करने का भी प्रयास था."
उन्होंने आगे लिखा, "भारत को गर्व है कि वह कई चीतों का घर है और उनमें से बड़ी संख्या में चीते भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं. उनमें से कई अब कूनो नेशनल पार्क और गांधी सागर सेंचुरी में फल-फूल रहे हैं." अपनी खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'चीता टूरिज्म' भी पॉपुलर हो रहा है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में प्रोजेक्ट चीता को "इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड'' से सम्मानित किया गया है. चीतों ने भारतीय वातावरण को आश्चर्यजनक रूप से पूरी तरह अपना लिया है. पिछले 3 वर्षों में 5 मादा चीता द्वारा 6 बार शावकों को जन्म देना इस परियोजना की सफलता और लचीलापन का परिचायक है. परिणाम स्वरूप चीते न केवल जीवित रहे, बल्कि चीतों ने सफलतापूर्वक अपना परिवार भी बढ़ाया है.
कूनो में 3 चीतों को छोड़ेंगे सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर गुरुवार 4 दिसम्बर को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 3 चीतों, जिनमें मादा चीता 'वीरा' और उसके 10 माह के 2 शावकों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वर्ष 2026 का कैलेण्डर तथा 'फील्ड मैन्युअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़ इन कूनो नेशनल पार्क' का विमोचन करेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नव-निर्मित सोवेनियर शॉप का लोकार्पण भी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 3 वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 17 सितम्बर, 2022 को अपने जन्म-दिवस पर कूनो पालपुर में चीते छोड़कर प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी. नामीबिया से 8 चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था. वर्तमान में कूनो पालपुर और गाँधी सागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है.
प्रोजेक्ट चीता
पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बढ़ते चीतों के परिवार के साथ मध्यप्रदेश एशिया का गौरव बन गया है. प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर 3 वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 17 सितम्बर 2022 को अपने जन्म दिवस पर पहले पालपुर कूनो में चीते छोड़कर प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी. बेहतर वन्यजीव प्रबंधन के कारण चीतों के परिवारों में वृद्धि हो रही है. उल्लेखनीय है कि 'प्रोजेक्ट चीता को ‘इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है.
चीतों ने भारतीय वातावरण को आश्चर्यजनक रूप से पूरी तरह अपना लिया है. पिछले तीन वर्षों में पाँच चीता मादाओं द्वारा 6 बार शावकों को जन्म देना इस परियोजना की सफलता और लचीलापन का परिचायक है. वे भारतीय शिकार जैसे चीतल के प्रति अच्छी अनुकूलता दिखा रहे हैं. प्रोजेक्ट चीता की प्रबंधन टीम ने अथक प्रयास किये हैं. परिणाम स्वरूप चीते न केवल जीवित रहे बल्कि सफलतापूर्वक अपना परिवार भी बढ़ाया.
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