Child Conversion Case: मध्य प्रदेश के इंदौर जिला कोर्ट ने शहर के चर्चित धर्म परिवर्तन के मामले में प्रेमी-प्रेमिका और उसके एक सहयोगी को दस साल को सजा सुनाई है. महिला अपने पहले पति से बच्चे को लेकर आई और अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी खतना करवाने और मदरसे में पढ़ाई के लिए भेजने के मामले में भी आरोपी साबित हुई हैं.
इस मामले में जैन समाज के साथ जैन मुनियों ने भी काफी विरोध दर्ज करवाया था. वर्तमान कैबिनेट मंत्री और तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर इस संबंध में चिंता जाहिर की थी.
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान के निवासी महेश नाहटा ने इंदौर आकर खजराना थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने पत्नी के अपने प्रेमी इलियास के साथ भागने और उसके आठ साल के बेटे का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का मामला दर्ज करवाया था. पीड़ित महेश ने बताया था कि उसके बेटे के धर्म परिवर्तन के साथ खतना करवाते हुए उसे मुस्लिम धर्म की शिक्षा देने के लिए मदरसे में भर्ती भी किया गया था.
प्रार्थना, इलियास और जफर बनाए गए थे आरोपी
मामला संदिग्ध होने और जैन समाज के आक्रोश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए महेश की पत्नी प्रार्थना उसके प्रेमी आरोपी इलियास और जफर को आरोपी बनाया था. उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इस मामले में आरोपियों ने कई बार जमानत की कोशिश की लेकिन हर बार कोर्ट ने खारिज कर दी.
18 महीने की सुनवाई के बाद आया फैसला
करीब 18 महीने चली सुनवाई के दौरान पुलिस ने धर्म परिवर्तन करने, बच्चे की खतना करने की मेडिकल रिपोर्ट, आरोपी बनाई गई महिला प्रार्थना के धर्म परिवर्तन करने के सबूत पेश किए थे. इसके आधार पर माननीय न्यायाधीश नवम सत्र जितेंद्र सिंह कुशवाह ने तीनों आरोपियों इलियास, प्रार्थना और जफर को दस-दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही पचास हजार के अर्थदंड के साथ अन्य धाराओं में पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं नाबालिग बच्चे को पिता के सुपुर्द कर दिया गया है.