Indo-German सेशन में निवेश की सम्भावनाओं पर MP के CS ने कहा-मध्यप्रदेश में विश्वास के साथ करें निवेश

MP GIS Bhopal: सत्र के दौरान एमपी के मुख्य सचिव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 24 दिनों में निवेश के लिए आवश्यक स्वीकृतियां ऑन लाइन है. इससे 24 घंटे में पंजीयन हो जाता है और थोडे समय में ही स्वीकृतियां मिल जाती हैं. उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश शांति का प्रदेश है. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां कानून व्यवस्था और प्रशासन तक सबकी पहुँच सुलभ है.

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MP Global Investors Summit 2025 Indo-German Innovation Corridor session: इंडो-जर्मन सेशन में क्या हुआ?

MP Global Investors Summit 2025: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) के दौरान कंट्री सेशन में कई देशों ने मध्यप्रदेश के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने की रणनीति और संभावनाओं पर चर्चा की. पहला संवाद सत्र जर्मनी के साथ हुआ. इस दौरान जर्मन- इंडो इनोवेशन कॉरिडोर (Indo-German Innovation Corridor) में जर्मनी के भारत और मध्यप्रदेश के साथ व्यापार पर विस्तृत चर्चा हुई. कंट्री सेशन में इण्डो- जर्मन कॉमर्स के डायरेक्टर जनरल स्टीफन, आंद्रे, डॉ चाना और उद्योगपति नितेश चौधरी शामिल हुए. वहीं मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सहभागिता की. इस सेशन में इंडो-जर्मन कॉमर्स के डायरेक्टर जनरल स्टीफन ने कहा कि भारत के साथ जर्मनी का व्यापार उल्लेखनीय स्तर पर है.

CM ने क्या कहा?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का कहना है कि देश में पहली बार मध्यप्रदेश ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन किया. हमने हर संभाग में जाकर कॉन्क्लेव की. वर्षभर में आयोजित इन कॉन्क्लेव और देश-विदेश के दौरों के माध्यम से हमें लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. वहीं एमओयू सत्र के दौरान मैंने देखा कि चीन, जापान, जर्मनी सहित विभिन्न देशों की कंपनियां और संस्थाएं मध्यप्रदेश के साथ जुड़कर कार्य करने की इच्छुक हैं.

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निवेश के अनुकूल हैं प्रदेश की नीतियां

जर्मनी की मध्यप्रदेश के साथ व्यापार की असीम संभावनाएं है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में मौजूद खनिज, हरित ऊर्जा और कनेक्टिविटी की संभावनाओं पर निवेश के अनेक अवसर हैं. प्रदेश की नीतियां भी निवेश के अनुकूल है. एम.डी. श्री आंद्रे एगोल ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 'मेड इन इण्डिया और फॉर इन इण्डिया' के उद्देश्य को मजबूती प्रदान करेगा.

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उद्योगपति डॉ चाना ने मध्यप्रदेश के साथ अपने व्यापारिक अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि विगत 15 सालों में मध्यप्रदेश की निवेश और सराहनीय औद्योगिक प्रगति हुई है. नदी जोड़ों परियोजनाओं ने औद्योगिक संभावनाओं को और अधिक विस्तृत कर दिया है.

केमिकल इंडस्ट्री से जुड़े नितेश चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है. प्रदेश की भोगौलिक स्थिति उद्योगों की स्थापना के लिये रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है. प्रदेश में सड़कों और रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने से स्वास्थ्य, शिक्षा और खनिज आधारित उद्योग की असीम संभावनाएं मौजूद है.

बिजनेस के अनुभवों सुनिए

जर्मन निवेशकों और उद्योगपतियों ने प्रदेश के साथ व्यापारिक अनुभव और नई संभावनाओं पर अनुभव साझा किए. सीमा भारद्वाज ने जर्मन निवेशकों और उद्योगपतियों से प्रदेश की उद्योग मित्र नीतियां, संसाधनों के दोहन, उद्योग स्थापना पर सरकार और प्रशासन के सहयोग और प्रदेश में उपलब्ध मानव संसाधनों का फीडबैक लिया. सभी निवेशकों ने एकमत और एकराय से प्रदेश की उद्योग नीति, कानून और व्यवस्था, उद्योगों की स्थापना के लिए प्रक्रिया की सराहना की.

ई मेरिटस एनआईसीटी जीआईआईसी के चेयरमैन मुकेश हजेला ने कहा कि मध्यप्रदेश और जर्मन कंपनियों के बीच साझेदारी का कारण केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक भी है. कई जर्मन संस्थाओं से सामाजिक विकास के लिए अनुदान मिलता है. इसके अलावा महिलाओं से जुड़े आर्थिक मुद्दों, शहरी विकास तथा कौशल विकास के लिये भी अनुदान राशि मिलती है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश जर्मन निवेश कम्पनियों को कौशल संपन्न मानव संसाधन उपलब्ध कराने में भी सक्षम है.

जर्मन कंपनियों ने निवेश बढ़ाने में दिखाई रूचि

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जर्मनी निर्माण उद्योग का हब है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और जर्मनी के आपसी व्यापारिक संबंधों की अनंत संभावनाएं हैं. कई जर्मन कंपनियां पहले से भारत और मध्यप्रदेश में काम कर रही हैं और उनका व्यापारिक अनुभव अच्छा है. उन्होंने कहा कि भविष्य में जर्मन कंपनियों के निवेश के लिए नई संभावनाएं बनी हैं. मध्यप्रदेश की ओर से नीतिगत सहयोग मिला है. उन्होंने संभावित निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों के लिए लाई गई नई नीतियों का अध्ययन कर लें. इससे निवेश रणनीति बनाने में मदद मिलेगी.

मुख्य सचिव ने मध्यप्रदेश में निवेश करने के कारणों को गिनाते हुए कहा कि वित्तीय सहयोग तो हर राज्य सरकार देती है लेकिन कठिन समय पर स्वीकृतियां जारी करने और आवश्यक अनुमतियां देने में मध्यप्रदेश आगे है.

उन्होंने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम हवाला देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने इस दिशा में पूरी दुनिया में नाम कमाया है. समय पर लोक सेवाओं के प्रदाय को कानूनी रूप से अनिवार्य बनाया है. यहां भरपूर भूमि संसाधन है. विदयुत उत्पादन सरप्लस स्थिति में है. यदि उद्योग चाहें तो उन्हें अलग से विद्युत प्रदाय की जा सकती है. दिन में भरपूर सौर ऊर्जा मिलती है. कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी है. प्रदेश सरकार द्वारा जर्मन कंपनियों के आग्रह पर उनके नियुक्त मानव संसाधन के लिए आवास व्यवस्था भी की जा सकती है. जर्मनी मध्यप्रदेश में कौशल विकास केन्द्र स्थापित करने में सहयोग दे सकता है. यहां मेडिकल उपकरण निर्माण की संभावनाए बनी हैं. इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर सहयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 24 दिनों में निवेश के लिए आवश्यक स्वीकृतियां ऑन लाइन है. इससे 24 घंटे में पंजीयन हो जाता है और थोडे समय में ही स्वीकृतियां मिल जाती हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि मध्यप्रदेश शांति का प्रदेश है. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां कानून व्यवस्था और प्रशासन तक सबकी पहुंच सुलभ है.

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