MLA Collector Dispute: भिंड कलेक्टर व विधायक का विवाद, IAS एसोसिएशन ने CM को लिखा पत्र, जानिए क्या कहा?

IAS Association Madhya Pradesh: आईएएस एसोसिएशन ने कहा है कि डराने-धमकाने जैसी घटनाएं क्षेत्र की परिस्थितियों में सेवा दे रहे अधिकारियों का मनोबल गिराती हैं तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्णय लेने के वातावरण को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं.

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MLA Collector Dispute: भिंड कलेक्टर व विधायक का विवाद, IAS एसोसिएशन ने CM को लिखा पत्र, जानिए क्या कहा?

IAS Association: मध्य प्रदेश आईएएस एसोसिएशन (Madhya Pradesh IAS Association) ने भिंड कलेक्टर (Bhind Collector) संजीव श्रीवास्तव के बंगले पर भाजपा विधायक (BJP MLA) नरेंद्र सिंह कुशवाहा और उनके समर्थकों द्वारा की गई अभद्रता के मामले में कड़ा विरोध जताया है. एसोसिएशन ने इस घटना को अपमानजनक और खतरनाक करार देते हुए इसे प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर हमला बताया. सीएम को लिखे पत्र में आईएएस एसोसिएशन ने 27 अगस्त 2025 को भिंड में घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरी व्यथा व्यक्त करते हुए अपना कड़ा विरोध दर्ज किया है.

पत्र में क्या है?

पत्र में लिखा कि इस घटना में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को भयभीत करने एवं सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का प्रयास किया. ऐसा आचरण, जिसमें कोई जनप्रतिनिधि किसी अधिकारी से दुर्व्यवहार करता है और उसे धमकाता है, न केवल सिविल सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि लोकतांत्रिक शासन की उस मूल नींव पर भी आघात करता है जो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और सिविल सेवकों के बीच परस्पर सम्मान पर आधारित है. डराने-धमकाने जैसी घटनाएं क्षेत्र की परिस्थितियों में सेवा दे रहे अधिकारियों का मनोबल गिराती हैं तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्णय लेने के वातावरण को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं.

पत्र में आगे लिखा गया कि यह ध्यान रखने योग्य है कि जिला कलेक्टर जिला स्तर पर सरकार का प्रतिनिधित्व करता है. जिला कलेक्टर का अपमान केवल उनका ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण शासन-तंत्र की अधिकारिता का अपमान है. इसका परिणाम शासन व्यवस्था के ढांचे के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है.

आईएएस एसोसिएशन, लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की भूमिका का पूर्ण सम्मान करते हुए, इस अस्वीकार्य आचरण की घोर निंदा करता है. हम अनुरोध करते हैं कि प्रशासनिक तंत्र में विश्वास बहाल करने और यह स्पष्ट संदेश देने हेतु कि किसी भी अधिकारी को डराने-धमकाने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस संबंध में तत्काल एवं ठोस कार्रवाई की जाए.

कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. हमें अपेक्षा है कि फील्ड अधिकारियों की गरिमा, स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे और शिकायतों के समाधान हेतु जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच संरचित संवाद की व्यवस्था की जाएगी. हम विश्वास करते हैं कि सरकार का समय पर हस्तक्षेप न केवल क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों का मनोबल सुरक्षित रखेगा, बल्कि राज्य में सुशासन के सिद्धांतों को भी सुदृढ़ करेगा. हमें अपेक्षा है कि अधिकारीगण की सुरक्षा, गरिमा और निष्पक्ष कार्यप्रणाली हर समय सुरक्षित रखने हेतु शीघ्र और ठोस कार्यवाही की जाएगी.

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