आसमानी आफत ने बरपाया कहर: पेड़ के नीचे छिपे तीन लोगों की बिजली गिरने से मौत, इलाके में मचा कोहराम

Cloud Lighting Death: मऊगंज में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. इसके बाद जिला कलेक्टर ने मुआवजा देने की बात कही है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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मऊगंज में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत

Mauganj News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मौसम का कहर लगातार जारी है. भारी बारिश (Heavy Rains) के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इसी बीच, बिजली (Lightning) गिरने से तीन लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है. रीवा जिले के मऊगंज नगर के वार्ड क्रमांक 1 में शनिवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. यह हादसा उस समय हुआ जब मृतक तेज बारिश से बचने के लिए पास के एक पेड़ के नीचे शरण ले रहे थे. दुर्भाग्यवश, उसी पेड़ पर आकाशीय बिजली गिर गई और तीनों की मौत हो गई. दूसरी तरफ, शहर में भारी बारिश का सितम ऐसा है कि लोगों के घरों तक में पानी भर रहा है.

इस वजह से घर से निकले थे बाहर

पेड़ के नीचे तीन लोग छिपे थे. तभी अचानक आकाशीय बिजली गिरने के कारण तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. तीनों निवासी दुबगवा कुर्मियान वार्ड क्रमांक 01 के हैं. बताया जा रहा है कि सभी मवेशी चराने निकले थे और बारिश शुरू होने पर पेड़ के नीचे जा छिपे थे. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और तत्काल तीनों को सिविल अस्पताल मऊगंज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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कलेक्टर ने किया मुआवजे का ऐलान

कलेक्टर संजय कुमार जैन ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर गहरा दुख प्रकट किया और शासन की ओर से प्रत्येक परिवार को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रशासन हरसंभव मदद करेगा. इसके साथ ही, कलेक्टर ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि खराब मौसम में विशेष सतर्कता बरतें और तेज बारिश या बिजली गिरने के दौरान खुले मैदान, ऊंची जगहों या पेड़ों के नीचे जाने से बचें.

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मऊगंज के इन वार्डों में भरा पानी

मऊगंज के वार्ड क्रमांक 6, 9, 10 और 12 से भारी जलभराव की खबरें सामने आई हैं. इन इलाकों में नालियों और जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई. स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद द्वारा वर्षों से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जल निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है.

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