ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव: सीएम मोहन का ऐलान, बोले-फैक्ट्री बंद होने पर  सरकार लेगी मजदूरों की जिम्मेदारी

Dr. Mohan Yadav: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि प्रदेश में छह स्थानों पर निवेश के लिए क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने निर्देश दिए हैं कि कलेक्टर निवेशकों के लिए एनओसी दिलाने का  काम करेंगे, ताकि निवेशकों को दफ्तर दफ्तर न जाना पड़े.

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Madhya Pradesh News: ग्वालियर (Gwalior News) में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की सफलता से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) काफी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि गवालियर ने सारे रिकॉर्ड  तोड़ दिए है. पहली बार चम्बल (Chambal Region) में उद्योगपतियों ने आकर निवेश के इरादों को स्पष्ट किया है. आज के कॉन्क्लेव में 4000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया.  सीम ने बताया कि 8000 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं. इनसे जो औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी, उनमें 35 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा.

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि प्रदेश में छह स्थानों पर निवेश के लिए क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने निर्देश दिए हैं कि कलेक्टर निवेशकों के लिए एनओसी दिलाने का  काम करेंगे, ताकि निवेशकों को दफ्तर दफ्तर न जाना पड़े. आने वाले समय सभी जिलों में निवेशक हेल्प डेस्क बनाई जाएगी .उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई फैक्ट्री बंद होती है, तो मजदूरों की जिम्मेदारी सरकार लेगी. डॉ. यादव ने कहा कि सितम्बर में सागर और अक्टूबर में रीवा में रीजनल इंडस्ट्रीयल मीट का आयोजन किया जाएगा.

15 से अधिक राज्यों से आए निवेशक

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने अलग अलग क्लस्टर के डेढ़ सौ प्रतिनिधियों से वन टू वन बातचीत की और सभी यहां निवेश के लिए उत्साहित नजर आए. 15 से अधिक राज्यों से आए निवेशकों ने ग्वालियर चम्बल संभाग में निवेश की बात कही. सीएम मोहन यादव ने कहा कि बड़े स्तर पर उद्योगपतियों ने इस अंचल में निवेश किया है. इस समिट ने उज्जैन और जबलपुर का रिकॉर्ड टूट गया है. ग्वालियर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में चार हजार से अधिक उद्योगपति शामिल हुए, जो न केवल भारत के हैं, बल्कि दूसरे देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए हैं. उन्होंने बताया कि 15 से अधिक राज्य के प्रतिनिधि ग्वालियर चंबल में निवेश को तैयार हुए हैं.

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कुछ निवेशक तो ऐसे हैं, जिनका दूसरे राज्यों में उद्योग है. उन्होंने हमें भरोसा दिया है कि वह अपना अधिकांश काम एमपी में शुरू करेंगे. हमने कई विभागों के उद्योगपतियों ने से टेबल पर बैठकर विस्तृत चर्चा की है. वन टू वन  चर्चा के माध्यम से उनकी समस्याएं और उनकी इच्छाओं पर चर्चा की है. इस मौके पर उन्होंने वादा किया कि जो विसंगतियों हैं, आने वाले समय में उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

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