MP Nursing College Scam: मध्यप्रदेश की नर्सिंग एजुकेशन बीते कई सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके घपले के कारण इसकी जांच सीबीआई तक में चल रही है, लेकिन इन सबके बावजूद इस दागदार परीक्षा के तरीके में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. खासकर ग्वालियर-चम्बल अंचल में नर्सिंग एग्जाम एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं. दरअसल, नर्सिंग छात्र संगठन ने इससे संबंधित एक वीडियो वायरल किया है, जिसमें नर्सिंग छात्र एक ढाबे में प्रेक्टिकल एग्जाम देते नजर आ रहे हैं.
ढाबे पर वैसे तो लोग खाना खाने के लिए जाते हैं, लेकिन ग्वालियर में आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुरैना की सीमा पर स्थित एक ढाबा है. जहां देशभर से जो लोग जुटे हैं, वे न तो पर्यटक हैं और न ही ढाबे पर भोजन करने आए हैं, बल्कि वे किसी नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट हैं और यहां उनकी प्रैक्टिकल परीक्षाएं चल रही हैं.
नकल माफिया का दबदबा
नर्सिंग छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष उपेंद्र गुर्जर ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है. उनका कहना है कि नर्सिंग माफिया न केवल छात्रों से मोटी रकम वसूल रहे हैं, बल्कि फर्जीवाड़े के जरिए नकल करवाकर उन्हें पास करवा रहे हैं. यह सब विश्वविद्यालय के संरक्षण में हो रहा है.
5-5 हजार रुपये में हो रही प्रैक्टिकल परीक्षा
वीडियो में दिखाया गया है कि छात्रों से 5-5 हजार रुपये लेकर प्रैक्टिकल एग्जाम करवाए जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि परीक्षा देने आए कई छात्रों को यह तक नहीं पता कि वे किस कॉलेज के छात्र हैं. यह पूरी प्रक्रिया नकल माफिया की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है.
नर्सिंग शिक्षा की बदनामी
ग्वालियर-चंबल अंचल में नर्सिंग शिक्षा और परीक्षा दोनों नकल माफिया के कारण बदनाम हो चुकी हैं. दरअसल, यहां दूसरे राज्यों से छात्रों को दाखिला दिलाने, नकल करवाने और परीक्षा पास कराने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है.
शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
नर्सिंग छात्र संगठन ने इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को वीडियो सहित भेजी है. हालांकि, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. संगठन का कहना है कि वे इस मामले को लेकर उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे. नर्सिंग छात्र संगठन ग्वालियर के अध्यक्ष उपेंद्र गुर्जर आरोप लगाया है कि नर्सिंग शिक्षा में यहां फर्जीवाड़ा चरम पर है.छात्रों से पैसे वसूलकर नकल करवाई जा रही है. वहीं, नर्सिंग छात्र संगठन के प्रदेश पदाधिकारी एसके सिंह का कहना है कि हमने इस मामले को उजागर किया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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नर्सिंग शिक्षा में सुधार की जरूरत
यह घटना मध्यप्रदेश की नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है. सरकारी और निजी दोनों स्तरों पर नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.
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