भक्त के निधन के बाद अब भगवान के खाते में आएंगे लाखों रुपये, जानें क्यों चर्चा में आ गई ये महिला

Gwalior Famous Achalnath Temple: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आस्था और भक्ति का अनोखा मामला सामने आया है, आम तौर पर हम जब भी अपना बैंक खाता खुलवाते हैं, तो उसमें अपने परिजनों का नाम डालते हैं. लेकिन ग्वालियर में भगवान की एक महिला भक्त ने अपनी जीवन बीमा की पॉलिसी में भगवान अचलनाथ को अपना नॉमिनी बनाया था. महिला के निधन के बाद अब लाखों रुपये इनके खातें में आएंगे.

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MP News In Hindi:  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चंबल क्षेत्र में भगवान के अनोखे भक्त हैं, दरअसल एक महिला निधन के बाद तब चर्चा में आ गई, जब लोगों को ये पता चला कि उसने ग्वालियर (Gwalior) के अचलनाथ मंदिर (Achalnath Temple) को अपना नॉमिनी बनाया है. भगवान के मंदिर में चढ़ावे के रूप में पैसे,जेवरात और अन्य भेंटें तो सामान्य बात हैं, लेकिन ग्वालियर में एक भक्त द्वारा भगवान को जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) का नॉमिनी बनाए जाने का मामला सामने आया है.

इनके खाते में आने वाले हैं लाखों रुपये...

यहां एक भक्त ने अपने जीवनकाल में अपने सगे-संबंधियों की जगह ग्वालियर स्थित अचलनाथ मंदिर को अपने बीमा पॉलिसी का नॉमिनी बनाया था.अब उनके निधन के बाद बीमा सलाहकार ने बीमा पॉलिसी और नॉमिनेशन दस्तावेज मंदिर में भेजे,जिससे पता चला कि 7 लाख 42 हजार रुपये भगवान के खाते में आ रहे हैं.

अचलनाथ महादेव को नॉमित किया था

ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलनाथ मंदिर में एक महिला बीमा सलाहकार ने अचलनाथ न्यास के दफ्तर पहुंचकर जानकारी दी कि भगवान के खाते में एलआईसी पॉलिसी की राशि आनी है. बीमा सलाहकार सुषमा बंसल ने बताया कि माधुरी सक्सेना नामक भक्त ने 28 मार्च 2017 को भारतीय जीवन बीमा निगम से बीमा पॉलिसी संख्या 203810358 ली थी.उन्होंने अपनी पॉलिसी में नॉमिनी के रूप में अचलनाथ महादेव सार्वजनिक न्यास को नामित किया था. माधुरी सक्सेना बाद में दिल्ली में निवास करने लगीं और 19 मार्च 2022 को उनका निधन हो गया.

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ये प्रक्रिया शुरू कर दी गई

सुषमा बंसल ने स्व.माधुरी सक्सेना की बीमा पॉलिसी से संबंधित सभी दस्तावेज अचलनाथ न्यास को सौंप दिए. न्यास से जुड़े लोगों ने बताया कि भक्त की मृत्यु के बाद उनकी पॉलिसी से संबंधित दस्तावेज प्राप्त होने पर दावे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही 7 लाख 42 हजार रुपये की राशि भगवान के न्यास के खाते में पहुंच जाएगी.

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