MP: जीतू पटवारी का मोहन सरकार को अल्टीमेटम, 8 दिनों में बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला तो होगा बड़ा आंदोलन

Guna Flood: जीतू पटवारी ने कहा, 'आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही है...' बाढ़ पीड़ितों को 8 दिनों में मुआवजा नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन होगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
MP Flood Situation: आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही है... जीतू पटवारी का मोहन सरकार पर आरोप

Guna Flood Situation: मध्य प्रदेश में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इस दौरान किसानों से लेकर आमजनों को बड़े पैमाने पर भारी नुकसान हुआ है. इस बीच कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुना जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. साथ ही मोहन सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आठ दिन में मुआवजा नहीं मिला तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी.

मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर

बता दें कि मध्य प्रदेश के गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं बाढ़ और तबाही के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुना जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. पटवारी ने न्यू सिटी कॉलोनी सहित अन्य प्रभावित इलाकों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. बाढ़ पीड़ितों की स्थिति को देखते हुए उन्होंने प्रशासन को आठ दिनों का अल्टीमेटम दिया.

जीतू पटवारी ने मोहन सरकार को दी चेतावनी

पटवारी ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आठ दिनों में बाढ़ पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला, तो मैं स्वयं गुना आकर इतिहास का सबसे बड़ा चक्काजाम' करूंगा. उन्होंने जिला कांग्रेस अध्यक्ष को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों का तत्काल सर्वे कराकर कलेक्ट्रेट घेराव किया जाए. यह आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी अत्याचार का परिणाम भी है.

आपदा केवल प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही है- जीतू पटवारी

उन्होंने आरोप लगाया कि गोपालपुरा बांध से पानी छोड़ने से पहले प्रशासन ने जनता को सतर्क नहीं किया, जिसके कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सर्वे कार्य को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए और कहा कि अब तक किए गए सर्वे में खामियां हैं और प्रशासन मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा है.

Advertisement

बाढ़ प्रभावित महिलाओं ने प्रशासन पर जताई नाराजगी

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को बाढ़ प्रभावित महिलाओं ने प्रशासन पर नाराजगी जताई. कुछ ने अपने घरों में सड़ चुके गेहूं दिखाए. कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें केवल पूड़ी के पैकेट देकर भगा दिया गया. एक महिला ने बताया कि उसका ऑटो बह गया, जो जीवनयापन का एकमात्र साधन था. पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि गुना, राघौगढ और बमोरी क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों से किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला.

ये भी पढ़े: Agar Malwa: राजसी ठाट-बाट से निकलेगी बाबा बैजनाथ की सवारी, कर्नल मार्टिन ने करवाया था मंदिर का जीर्णोद्धार

Topics mentioned in this article