सराहनीय पहल: दूल्हे और उसके पिता ने दहेज में मिले 7 लाख रुपये लौटाए, सिर्फ नारियल और एक रुपए का लिया नेग

दहेज को कुप्रथा बताते हुए दूल्हा और उसके पिता ने दहेज के 7 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया. साथ ही वधु के पिता रामशंकर भारी के सम्मान में नेग स्वरूप एक रुपए लेकर सबका मान रखा. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं. जेवल्या परिवार की पहल को जाट समाज समेत पूरे जिले के लोगों की ओर से सराहना की जा रही है.

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एक और देशभर में दहेज के हत्याएं की जा रही है. बहुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे में छोटी हरदा के दूल्हे ने अनोखी मिसाल पेश की है. दूल्हे ने रविवार को सावा में आए नेग के 7 लाख रुपए सम्मान के साथ वधु पक्ष को वापस लौटा दिए और सिर्फ एक रुपए का नेग लिया. इस संबंध में दूल्हे और उसके पिता का कहना है कि बहू भी बेटी के समान है. दहेज समाज में एक बड़ी कुप्रथा है. इसे दूर करना होगा. सभी समाज के लोग इसके लिए आगे आए.

छोटी हरदा के दूल्हे अमित (सिद्धू) ने बताया कि उसका विवाह 22 नवंबर को भुवन खेड़ी निवासी जयश्री से है. उसने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. वहीं, जयश्री का ग्रेजुएशन हो चुका है. इसी कड़ी में रविवार को सावे में वधू पक्ष की ओर से दहेज के 7 लाख रुपये नेग के रूप में भेजे गए. इसके बाद उन्होंने पिता से बात की. दहेज को कुप्रथा बताते हुए दोनों ने दहेज के 7 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया. साथ ही वधु के पिता रामशंकर भारी के सम्मान में नेग स्वरूप एक रुपए लेकर सबका मान रखा. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं. जेवल्या परिवार की पहल को जाट समाज समेत पूरे जिले के लोगों की ओर से सराहना की जा रही है.

'दहेज एक सामाजिक बुराई है'

दूल्हे सिद्धू ने बताया कि कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं है. दहेज एक सामाजिक बुराई है, जिसे दूर करना बेहद जरूरी है. समाज के समक्ष एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए कहा कि वे दहेज का समर्थन नहीं करते. जब आप अपनी बेटी देते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने अपना सब कुछ दे दिया है. सावे के दौरान राशि देने के लिए दुल्हन के परिवार के बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन वे अपने फैसले पर अड़े रहे. उन्होंने उनके सम्मान में मात्र नारियल और एक रुपए लेकर पूजन पाठ संपन्न कराया. वहीं इस संबंध में परिवार के संतोष पटेल जेवल्या ने कहा कि हम दहेज प्रथा के खिलाफ है. सभी समाज के लोगों को आगे आकर इस पहल को आगे बढ़ाना चाहिए.

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