MP Gehu Kharidi 2025: मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers) के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सरकार ने 2025 के लिए गेहूं खरीदी (Gehu Kharidi 2025) पंजीयन (Gehu Kharidi 2025 Registration) के लिए ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गेहूं उपार्जन (Wheat Procurement) की तैयारियों की राज्यवार समीक्षा बैठक में कहा कि एमपी में गेहूं खरीदी के लिये किसानों का ऑनलाइन पंजीयन आगामी 20 जनवरी 2025 सोमवार से शुरू होगा. गेहूं खरीदी के लिये 4 हजार उपार्जन केन्द्र बनाये जाएंगे. गत वर्ष 3800 उपार्जन केन्द्र बनाये गये थे.
MSP पर होगी गेहूं खरीदी
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लायें. किसानों को गेहूं उपार्जन के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें. रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू करें. उन्होंने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल में जिम्मेदार लोगों की ड्यूटी लगायें.
मीटिंग के दौरान खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने बताया कि उपार्जन के संबंध में उत्तर प्रदेश में की जा रही कार्रवाई के अध्ययन के लिये एक टीम लखनऊ भेजी जा रही है.
ई-उपार्जन से होगी खरीदी
मध्य प्रदेश में ई-उपार्जन सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपार्जन केन्द्रों द्वारा किसानों से अनाज की खरीदी की जाती है. अनाज प्राप्ति के पश्चात किसानों को उनके विक्रय किये गए अनाज की पावती उपलब्ध कराई जाती है एवं किसानों द्वारा विक्रय किये गए अनाज की राशि सात कार्यालयीन दिवसों में उनके पंजीकृत आधार लिंक्ड बैंक खाते मे जमा कर दी जाती है.
क्या है प्रक्रिया? e-Uparjan Process
E-Uparjan की प्रक्रिया में 6 चरण हैं, जिसके अंतर्गत किसान पंजीयन, किसान द्वारा स्लॉट बुकिंग, अनाज खरीदी, परिवहन, संग्रहण और भुगतान करने जैसी आदि प्रक्रिया शामिल है, जिससे की एक सुनियोजित योजना बनाई जा सके.
- e-Uparjan ऑनलाइन पंजीयन
- किसान द्वारा स्लॉट बुकिंग
- उपार्जन केंद्र से किसान की खरीदी
- विक्रय किये गए अनाज का परिवहन
- परिवहन किये गए अनाज का गोदाम में संग्रहण
- किसान के आधार लिंक्ड बैंक खाते में सीधे भुगतान
मध्य प्रदेश में विगत वर्ष 6 लाख 16 हजार किसानों द्वारा 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया गया. गेहूं उपार्जन के लिये किसानों की सुविधानुसार कुल 3694 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए. उपार्जित गेहूं के परिवहन, हैण्डलिंग एवं किसानों के शीघ्र भुगतान के लिये 2199 उपार्जन केन्द्र गोदाम स्तर पर स्थापित किए गए. शेष 1495 उपार्जन केन्द्र समिति स्तर पर स्थापित किए गए. किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में समर्थन मूल्य राशि के सीधे भुगतान की व्यवस्था की गई थी.
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