कांग्रेस नेताओं पर FIR के बाद भड़के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, शिवराज सरकार को बताया भ्रष्‍ट

जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार की सरकार है. इनकी सरकार के दौरान 20 साल में कई घोटाले हुए हैं.

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पटवारी ने कहा कि दो सौ से अधिक अधिकारियों के यहां छापे मारे गए, लेकिन एक पर भी मुकदमा नहीं चलाया.
इंदौर:

शहर के संयोगितागंज थाने में कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाद पार्टी नेताओं ने मध्‍य प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार भ्रष्‍टाचार की सरकार है. उन्‍होंने कहा कि शिवराज सरकार के 20 साल के शासन के दौरान कई घोटाले हुए हैं. यदि कांग्रेस प्रदेश की शिवराज सरकार को 50% कमीशन की सरकार या भ्रष्टाचार की सरकार कहती है तो ये शिवराज सरकार कांग्रेस नेताओं पर मुकदमे दर्ज करवा देते हैं. पटवारी इंदौर प्रेस क्‍लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बोल रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने सरकार को जमकर आड़े हाथ लेते हुए मीडिया के सवालों के भी जवाब दिए. 

जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार की सरकार है. इनकी सरकार के दौरान 20 साल में कई घोटाले हुए हैं, जिसमें व्यापम घोटाला एक ऐसा घोटाला है जिसने प्रदेश सरकार के मुंह में कालिख पोती थी. वहीं पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला, आहार घोटाला जैसे कई घोटाले इस सरकार में हुए. उन्‍होंने कहा कि दो सौ से अधिक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के यहां लोकायुक्त ने छापे मारे हैं, लेकिन अभी तक इस सरकार के द्वारा एक भी अधिकारी पर मुकदमा नहीं चलाया गया. इससे यही प्रतीत होता है कि ये सरकार भ्रष्टाचार की सरकार है.

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उन्‍होंने कहा कि यदि कांग्रेस प्रदेश की शिवराज सरकार को 50% कमीशन की सरकार या भ्रष्टाचार की सरकार कहती है तो सरकार कांग्रेस नेताओं पर मुकदमे दर्ज करवा देती है. उन्‍होंने कहा कि एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, करप्शन के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवराज सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि परिवहन के दौरान मध्य प्रदेश के बॉर्डर वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा करप्शन होता है. 

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उन्‍होंने कहा कि प्रदेश की सरकार भले हम पर मुकदमा दर्ज कर ले या हमें जेल भेज दे फिर भी हम चिल्ला चिल्लाकर कहेंगे कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार करप्शन की सरकार है.  

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वहीं सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं द्वारा ज्ञानेंद्र तिवारी नामक व्‍यक्ति के लिखे पत्र को वायरल करने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि वे ज्ञानेंद्र तिवारी को नहीं जानते हैं.