लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, 72 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Sharda Sinha passes away: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया. दिल्ली के एम्स में उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

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Sharda Sinha passes away: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया. दिल्ली के एम्स में उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सिन्हा की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. शारदा सिन्हा को बिहार की 'स्वर कोकिला' भी कहा जाता था. शारदा सिन्हा ने कई छठ गीतों को अपनी आवाज देकर देश-दुनिया में पहचान दिलाई. छठ पर्व के दौरान उनके इस दुनिया से अलविदा लेने से प्रशंसकों में शोक की लहर है.

एम्स के अधिकारी ने बताया, "शारदा सिन्हा का निधन रात 9.20 बजे सेप्टीसीमिया के कारण हुए रिफ्रैक्टरी शॉक के कारण हुआ." सिन्हा अपने प्रशंसकों के बीच "कार्तिक मास" और "कोयल बिन" जैसे लोकगीतों के साथ-साथ "गैंग्स ऑफ वासेपुर-2" के बॉलीवुड गानों "तार बिजली" और "हम आपके हैं कौन" के "बाबुल" के लिए जानी जाती थीं. 

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भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीतों की पर्यायवाची पद्म भूषण से सम्मानित सिन्हा मल्टीपल मायलोमा, ब्लड कैंसर के एक प्रकार के कारण स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं. गायिका को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान रोटरी कैंसर अस्पताल (आईआरसीएच) की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था. 

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इन गीतों से हुईं मशहूर 

बिहार कोकिला के नाम से मशहूर सुपौल में जन्मी सिन्हा अपने गृह राज्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छठ पूजा और शादियों जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के लिए मशहूर थीं. उनके कुछ लोकप्रिय ट्रैक हैं "छठी मैया आई ना दुआरिया", "कार्तिक मास इजोरिया", "पटना से", और "कोयल बिन". 
 

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