मंडी में अव्यवस्था पर किसानों का चक्काजाम, कलेक्टर को ज्ञापन सौंप रखीं ये मांगें; विदिशा में खाद की किल्लत

Farmers Protest: हरदा जिले की खिड़कियां स्थित कृषि उपज मंडी में नीलामी की देरी और अव्यवस्थाओं के विरोध में किसानों ने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. घंटों मुख्य मार्ग बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई.

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हरदा जिले की खिड़कियां स्थित कृषि उपज मंडी में नीलामी में हुई देरी और अव्यवस्थाओं के विरोध में किसानों ने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. घंटों मुख्य मार्ग बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई. प्रशासन के समझाने पर और व्यवस्थाओं को सुधारने के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया.

किसानों का कहना है कि मंडी की अव्यवस्था के संबंध में कई बार लिखित और मौखिक तरीके से किसान शिकायत कर चुके हैं. सुविधा की मांग की जा चुकी है, मगर अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. इसके बाद किसानों ने अपनी मुख्य मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि मंडी में कार्यरत गार्ड के पदनाम की लिस्ट मंडी गेट पर लगाई जाए, गार्ड की ड्यूटी टाइमिंग और डियूटी कहां है, यह जानकारी भी दर्ज हो. गार्ड सभी ड्रेस कोड में रहें. उपज तुलाई के लिए दूसरा कांटा भी शुरू किया जाए. साथ ही तुलाई में जो अंतर आ रहा है, उसमें सुधार की मांग की.

मंडी के दूसरे गेट से हो निकासी

मंडी के दूसरे गेट को निकासी द्वार के रूप में शुरू कराने की मांग की. साथ ही कहा कि मंडी परिसर में उपलब्धता के आधार पर किसानी वाहनों को परिसर में प्रवेश मिले. बाकी, वाहनों को लाइन से खड़ा करने की मंडी प्रशासन व्यवस्था करे. मंडी परिसर में खाद वितरण की जगह इसे वितरण केंद्र से वितरित कराया जाए.

मक्का खरीदी के बाद किसान के वाहन को मंडी परिसर में ही खाली कराया जाए, व्यापारी के निजी प्रांगण में किसानों की ट्रॉली ले जाने के लिए बाध्य न किया जाए. व्यापारी प्लेटफॉर्म पर क्रय की गई उपज को 24 घंटे में प्लेटफॉर्म खाली कराया जाए, ताकि तुलाई के दौरान किसान की ट्रॉली प्लेटफॉर्म पर लग सके. नीलामी के दौरान नीलमी प्रभारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, ताकि किसानों को फसल का सही दाम मिल सके.

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विदिशा में खाद की किल्लत

वहीं, विदिशा जिले में खाद की किल्लत को लेकर किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिलेभर के किसान इकट्ठे होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने खाद की उपलब्धता को लेकर जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय कृषि मंत्री के निर्देशों के बावजूद उन्हें अब तक ऑफलाइन खाद नहीं मिल पा रही है. बोवनी का समय शुरू हो चुका है, लेकिन सहकारी समितियों पर खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं है. वहीं, प्राइवेट दुकानों पर खाद महंगे दामों में बिक रही है.

इसके साथ ही किसानों ने पराली जलाने पर एफआईआर और ₹15,000 जुर्माने के विरोध में भी आवाज उठाई. किसानों ने प्रशासन से मांग की कि यदि पराली जलाना अपराध है तो कृषि विभाग उन्हें बिना पराली जलाए बोवनी करने का डेमो दिखाए.

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