पूर्व सैनिक ने गांव में अस्पताल बनाने के लिए दान कर दी करोड़ों की जमीन, लेकिन भ्रष्टाचार ने तोड़ दिया सपना..

Dream of Hospital: जिंदगी भर की जमा पूंजी और पूर्वजों से मिले 63 एकड़ जमीन पर एक अस्पताल बनाने का सपना लिए गांव पहुंचा पूर्व सैनिक श्रीकांत पटेल को नहीं पता था कि अस्पताल निर्माण के लिए सरकारी मशीनरी में मौजूद भ्रष्टाचार की चक्की में पिसना होता है.

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Ex Armyman Dream: यह अपने देश में ही हो सकता है. रीवा जिले के एक पूर्व सैनिक का सपना था कि रिटायर होने के बाद वह गांव में अस्पताल का निर्माण कराएगा. अस्पताल बनाने के लिए पूर्व सैनिक ने पूर्वजों की करोड़ों की जमीन भी दान करने से गुरेज नहीं किया, लेकिन न केवल उसका सपना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, बल्कि वह अपनी सारी जमा पूंजी  भी गंवा बैठा है. हाल यह है कि अब पूर्व सैनिक न्याय के लिए दर-दर के ठोकरें खाने को मजबूर है. 

जिंदगी भर की जमा पूंजी और पूर्वजों से मिले 63 एकड़ जमीन पर एक अस्पताल बनाने का सपना लिए रिटायरमेंट के बाद गांव पहुंचे पूर्व सैनिक श्रीकांत पटेल को नहीं पता था कि अस्पताल निर्माण के लिए सरकारी मशीनरी में मौजूद भ्रष्टाचार की चक्की में पिसना ही होता है.

अस्पताल के लिए पूर्व सैनिक ने दान की पूर्वजों की 63 एकड़ जमीन

रिपोर्ट के मुताबिक गांव में अस्पताल निर्माण के लिए पूर्व सैनिक ने पू्वजों की 63 एकड़ जमीन दान कर दी ताकि कोई अड़चन न आए, उसने अस्पताल को जमीन पर आकार देने के लिए जिंदगी भर की जमा पूंजी खर्च दी, ताकि धन की कमी से अस्पताल का सपना अधूरा न रह जाए. कानूनी बाधाओं से पार पाने के लिए सरकारी अधिकारी और नेताओं के चक्कर लगाए, लेकिन उसका सपना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

आंखों में अस्पताल सपना लिए पूर्व सैनिक रीवा कलेक्टर से मिला

रीवा जिले के मनगवां विधानसभा अंतर्गत रामपुर गांव में अस्पताल नहीं था. सरकारी जमीन नहीं थी, इस वजह से अस्पताल नहीं बन पा रही थी. अस्पताल निर्माण के लिए उसने पूर्वजों से मिली 63 एकड़ जमीन दान करने का फैसला किया. आंखों में अस्पताल सपना लिए पूर्व सैनिक रीवा कलेक्टर से मिला. पूर्व सैनिक द्वारा जमीन दान करने की घोषणा तो रीवा कलेक्टर ने उस पर मुहर लगा दी.

गांव के लोगों के साथ कलेक्ट्रेट में गुहार लगाने पहुंचे पूर्व सैनिक श्रीकांत पटेल

आर्मी में सर्विस के दौरान कश्मीर में तैनात रहे पूर्व सैनिक का सपना था कि सैनिकों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की तरह उसके गांव भी एक हॉस्पिटल होगा, रिटायरमेंट के बाद गांव में अस्पताल खोलने का निश्चय कर गांव लौटा तो उसके सपने को काफूर होने में समय नहीं लगा.

सपना साकार होने से पहले अस्पताल के सपने में दरार आ गई

सपना साकार होता, इससे पहले आई बाधा ने फिर पूर्व सैनिक को अंदर तक तोड़ दिया. एक दबंग ठेकेदार ने राजनीतिक आकाओं तक पहुंच से कलेक्टर के आदेश को दरकिनार करते हुए पूर्व सैनिक के अस्पताल के सपने को एक झटके में तोड़ दिया. सपने से एक्स मिलिट्री मैन ही नहीं टूटा, गांव में अस्पताल का सपना संजाने वाले गांव वाले भी परेशान हो गए.

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कमिश्नर ने जांच कराने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

सपना टूटकर चकनाचूर हो जाए इससे पहले परेशान पूर्व सैनिक दोबारा कलेक्टर से मिला और अपनी व्यथा सुनाई. बात नहीं बनी तो शुक्रवार को कमिश्नर से मिलकर अपनी समस्या बतलाई. कमिश्नर ने मामले की जांच कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया है, लेकिन इसने पूर्व सैनिक के आत्म विश्वास को जरूर डिगा दिया.

जिला कलेक्टर ऑफिस रीवा

ऐसे समझिए पूरा घटनाक्रम?

गौरतलब है 9 जनवरी 2023 को रीवा जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र के रामपुर गांव के लिए स्वीकृत स्वास्थ्य केंद्र के लिए सरकारी जमीन नहीं थी. पूर्व सैनिक ने अस्पताल निर्माण के लिए अपनी 63 एकड़ जमीन देने का निर्णय किया. 15 जुलाई 2024 को रीवा के कलेक्ट्रेट पहुंचकर पूर्व सैनिक ने अस्पताल के लिए अपनी जमीन दान करने की इच्छा जताई. अस्पताल के लिए आवश्यक जमीन के कागजात देखकर कलेक्टर ने इसकी स्वीकृति दे दी.

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परेशान पूर्व सैनिक दोबारा कलेक्टर से मिला और अपनी व्यथा सुनाई. शुक्रवार को कमिश्नर से मिलकर अपनी समस्या बतलाई. कमिश्नर ने मामले की जांच कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया है, लेकिन इसने पूर्व सैनिक के आत्म विश्वास को जरूर डिगा दिया. 

ठेकदार मृगेंद्र नाथ त्रिपाठी के पक्ष में आदेश जारी कर दिए

कलेक्टर की स्वीकृत के बाद सीएमएचओ रीवा ने गत 19 जुलाई 2024 को पीएचसी सथनी में बनाने के लिए आदेश जारी कर दिया. कलेक्टर रीवा के अनुमोदन पर सीएमएचओ ने 24 जुलाई को स्थानी की जगह रामपुर में पीएचसी बनाने के आदेश जारी कर दिए. जिसके चलते लोक निर्माण विभाग ने ठेकदार मृगेंद्र नाथ  त्रिपाठी के पक्ष में आदेश जारी कर दिए.

अचानक विभाग ने रुकवा दिए अस्पताल निर्माण का कार्य

उधर, लोक निर्माण विभाग ने 1 अगस्त को दोबारा पत्र जारी करते हुए कहा कि जब तक कलेक्टर से मार्गदर्शन प्राप्त नही होता है. तब तक काम बंद कर दिया जाए. 21 अगस्त को लोक निर्माण विभाग ने कलेक्टर को पत्र जारी करके कहा कि जमीन कम पड़ रही है. ऐसे में पीएचसी कहीं और पर बनाई जाए.

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सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हुआ पूर्व सैनिक

गत 22 अगस्त को सीएमएचओ रीवा द्वारा पत्र जारी करके कहा गया, पीएचसी भवन केवल रामपुर में ही बनाया जाएगा. इसके अलावा अन्य कहीं भी बना तो उसे अवैध माना जाएगा. लेकिन पीएचसी का निर्माण कार्य सथनी में जारी है. एक्स मिलिट्री मैन श्रीकांत पटेल सबकुछ गंवा कर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है.

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