अनाथ हुए गजराज तो गुस्सा यूं भड़का,  कुचलकर 2 की ले ली जान

Elephant Death in MP : गांव में शाम होते ही लोग हाथियों की आने की खबर सुनकर घरों में कैद हो जाते हैं. हाथियों के आतंक के कारण खेतों में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के काम पर भी काफी असर पड़ रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
अनाथ हुए गजराज तो गुस्सा यूं भड़का,  कुचलकर 2 की ले ली जान

MP Elephant News : बांधवगढ़ (Bandhavgarh Tiger Reserve) के आसपास के गांवों में हाथियों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है. 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच अचानक 10 हाथियों की मौत हो गई. इसके बाद बचे हुए तीन हाथी अपने परिवार की तलाश में भटक रहे हैं. इन नन्हे हाथियों में से एक को पार्क प्रबंधन ने पकड़कर ज़ंजीर में कैद कर लिया है, ताकि उसके व्यवहार का अध्ययन किया जा सके. लेकिन एक हाथी पकड़े जाने के बाद दो अन्य हाथी चंदिया सामान्य वन मंडल में घूमते हुए देखे गए हैं. टेरिटोरियल फॉरेस्ट में बाघ और हाथियों का मूवमेंट कम होता है इसलिए वन विभाग को समझ में नहीं आ रहा कि इन हाथियों से इंसानों को कैसे बचाया जाए. इस बीच, इन हाथियों के हमलों से तीन इंसानों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं. इनमें से दो घटनाओं में गांव के लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.

घरों से बाहर नहीं निकल रहे लोग

गांव में शाम होते ही लोग हाथियों की आने की खबर सुनकर घरों में कैद हो जाते हैं. हाथियों के आतंक के कारण खेतों में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के काम पर भी काफी असर पड़ रहा है. अनाथ हुए हाथियों का टेरिटोरियल क्षेत्र में बढ़ा मूवमेंट गांव लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है. अब लोग हर समय डर के साये में जी रहे हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

बांधवगढ़ के 10 हाथियों की मौत के मामले पर सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

हाथी की हरकत से वन विभाग अलर्ट

बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में गांववासी रात भर सो नहीं पा रहे है. मिली जानकारी के मुताबिक हाथी का दल निकल कर उत्पात कर रहा है. हालत को देखते हुए गांववासियों से लेकर वन विभाग भी चौकन्ना है. इलाके के लोग समेत वन विभाग देर रतजगा करने को मजबूर है. वहीं, डर की वजह से लोग अपने खेतों की ओर भी नहीं जा रहे है.

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

बांधवगढ़ में हाथियों की मौत कैसे? WCCB की स्पेशल टीम करेगी जांच