बकरीद पर पिता को मिली ईदी, 18 महीने बाद घर लौटा बेटा 'आरिफ'

Bakrid 2024, MP News in Hindi : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा (Amroha) जिले के एक परिवार की ईद पर खुशियां दोगुनी हो गई जब 18 महीने से खोए हुए उनके इकलौते बेटे की अचानक से खबर मिली.

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Bakrid 2024 : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा (Amroha) जिले के एक परिवार की ईद पर खुशियां दोगुनी हो गई जब 18 महीने से खोए हुए उनके इकलौते बेटे की अचानक से खबर मिली. यूपी से लापता हुआ किशोर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) के एक घरौंदा आश्रम में मिला. बता दें कि खोजे गए किशोर की पहचान 16 साल के आरिफ के तौर पर हुई है. आरिफ के बारे में बताया जाता है कि वो बचपन से ही मूक-बधिर हैं. ऐसे में उसके परिवार वालों को काफी समय से इस बात की चिंता सता रही थी कि वे अपने बेटे को कैसे ढूंढेंगे ?

18 महीने पहले लापता हुआ आरिफ

करीब 18 महीने पहले अमरोहा के रहने वाले जियाउद्दीन खान का बेटा आरिफ ट्रेन में बैठकर घर से लापता हो गया था. जो इंदौर के योग पुरुष आश्रम में पहुंच गया था.... लेकिन युगपुरुष आश्रम में बच्चों की तादाद ज्यादा होने के चलते 10 दिन पहले उसे सागर के घरौंदा आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया था. आरिफ ना बोल सकता था... ना ही सुन सकता था और पढ़ा लिखा न होने से वह लिख भी नहीं सकता था. इन्हीं सब के बीच आश्रम में नए परिवार के सदस्य की एंट्री हुई. दरअसल, बच्चे को अपने परिवार की याद आ रही थी तो आश्रम की स्टाफ प्रीति यादव ने बच्चे की जानकारी जुटाने की कोशिश की थी. लेकिन वह कुछ बता नहीं पा रहा था.

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बकरीद पर पिता को मिली ईदी

इसके बाद आश्रम प्रबंधन ने खोजबीन शुरू की... जब दिल्ली और भोपाल से जानकारी जुटाई तो आरिफ का डुप्लीकेट आधार मिल गया जिससे उसके घर का मोबाइल नंबर भी मिल गया. मोबाइल नंबर पर आश्रम की हेड प्रीति यादव ने आरिफ के माता-पिता से बात कराई तो वह आरिफ को देखकर भावुक हो गए और एक-दूसरे को पहचान भी गए. आरिफ के सागर में होने की जानकारी लगते ही परिवार के लोग अमरोहा से सागर पहुंचे. सागर पहुंचते ही आरिफ के पिता आरिफ से लिपटकर रोने लगे. बता दें कि आरिफ 6 बहनों में इकलौता बेटा है जो 18 महीने पहले घर से ट्रेन में बैठकर लापता हो गया था.

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बेटे से मिल जज़्बाती हुआ परिवार

परिवार के लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में खोजा लेकिन कोई पता नहीं लगा. आरिफ के थाने में गुमशुदा की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. साथ ही ट्रेन स्टेशन में पोस्टर भी लगवाए था. घरोंदा आश्रम की हेड प्रीति यादव ने बताया कि बच्चे को कुछ दिन पहले से परिवार की याद आ रही थी. बड़ी कोशिशों के बाद बच्चे का आधार कार्ड निकाला गया. आधार के ज़रिए एक मोबाइल नंबर निकाल कर परिवार को इसकी जानकारी दी. इसके बाद वीडियो कॉल पर बच्चे के माता-पिता से बात कराई गई जो बच्चे को पहचान गए और बच्चा भी उन्हें पहचान गया. जिसके बाद बच्चे के माता-पिता उसे लेने के लिए सागर रवाना हो गए.

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