Anuppur News: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के चचाई और जैतहरी क्षेत्रों में संचालित पावर हाउसों से निकलने वाली राखड़ (फ्लाई ऐश) का बेलगाम परिवहन अब जनजीवन के लिए मुसीबत बन गया है. नियमों और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों को ताक में रख राखड़ से लदे ट्रक खुले में सड़कों पर दौड़ रहे और खुले में फेंका जा रहा हैं. नतीजा हर मोड़, हर गली में धूल के गुबार और दमघोंटू हवा घुल रही है. आसपास इलाकों में लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. साथ ही खेतों में यह राखड़ जाकर बैठ रही है, जिससे किसानों के खेत बर्बाद हो रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ हो रही है, आंखों में जलन और लगातार उड़ती राखड़ से हाल बेहाल हैं. छोटे बच्चे, वृद्ध और बीमार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. अनूपपुर जिले में जहां जहां पर इस राखड़ का भंडारण किया जा रहा है या जिस रस्ते से होकर निकल रहे है. वहां की सड़कें धूल के कारण धुंध में लिपटी हों. ट्रकों में कवर तक नहीं लगे हैं.
आश्चर्य की बात यह है कि न तो प्रशासन की नजर इस ओर जा रही है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की. क्या जिम्मेदार विभाग किसी बड़े हादसे या जनआक्रोश के इंतजार में हैं? सवाल यह भी उठता है कि क्या इन कंपनियों पर कार्रवाई होगी या राखड़ के साथ उड़ते रहेंगे जनहित के नियम?