MP के इस जिले में गायब हो गई नहर ! जानकर हर कोई हैरान, जानिए मामला

Singrauli News : MP अजब है, और इस अजब MP की गजब कहानी है. क्या आपने आज तक ऐसी नहर देखी है जो बनने के बाद अदृश्य हो गई हो? यदि नहीं, तो आपको एक बार ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली जिले में आकर देखना चाहिए.

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(फाइल फोटो)

MP News in Hindi : MP अजब है, और इस अजब MP की गजब कहानी है. क्या आपने आज तक ऐसी नहर देखी है जो बनने के बाद अदृश्य हो गई हो? यदि नहीं, तो आपको एक बार ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली जिले में आकर देखना चाहिए. इस जिले में एक ऐसी नहर बनाई गई है जो अब अदृश्य हो गई है. जैसे ही यह बात सामने आई कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में सिंगरौली जिले में नहर भी बनाई गई थी, जिसके लिए सरकार ने नहर बनाने वाले ठेकेदार को 243.95 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया था.

अब तक नहीं बन पाया ये डैम 

डैम बनाने की आखिरी तारीख 28 मार्च 2024 तय की गई थी. हालांकि, 5 साल बीत जाने के बाद भी डैम का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. यहां तक कि एक पाइप तक नहीं बिछाई गई. स्थानीय बीजेपी विधायक मेश्राम ने इस मामले को विधानसभा में उठाया. उन्होंने परियोजना की प्रगति के बारे में सवाल किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अब हर कोई अदृश्य नहर की खोज में लग गया है कि आखिर ये नहर अचानक गायब कहाँ हो गई.

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जानिए कैसे गायब हो गई यह नहर

दरअसल, सिंगरौली में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में, 2018 से लेकर 2020 के बीच, एक डैम वाटर चैनल बनाने के लिए सरकार की तरफ से एक कंपनी को 243.95 करोड़ रुपये का एडवांस भुगतान किया गया. इधर, प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी, लेकिन इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया. प्रदेश में मौजूदा समय में भी भाजपा की सरकार है, लेकिन डैम का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. विधानसभा में विधायक को उनके सवालों के जवाब नहीं मिले, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार ने अब इसे मंजूरी दे दी है और पर्यावरण मंत्रालय से इसके लिए एनओसी मांगी जा रही है.

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कैसे हुआ इस घोटाले का खुलासा

2019 में कमलनाथ सरकार ने हैदराबाद की एक कंपनी को डैम बनाने का ठेका दिया और 243.95 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया. डैम बनाने की आखिरी तारीख 28 मार्च 2024 तय की गई थी. हालांकि, पांच साल बीत जाने के बाद भी डैम का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. यहां तक कि एक पाइप तक नहीं बिछाई गई. स्थानीय बीजेपी विधायक मेश्राम ने इस मामले को विधानसभा में उठाया. उन्होंने परियोजना की प्रगति के बारे में सवाल किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. सिर्फ कागजों में ही नहर बनकर तैयार हो गई, और ठेकेदार भी नहर की राशि लेकर गायब हो गया. अब मामला सामने आने पर विपक्षी सरकार भी कठघरे में है.

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NDTV की टीम ने लिया जायज़ा

NDTV टीम को देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम ने बताया कि विधानसभा में हमने इस मुद्दे को उठाया था, सवाल भी किए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. विधायक के अनुसार, साल 2019 में कमलनाथ की सरकार में एक कंपनी को एडवांस में रुपये दे दिए गए थे. कंपनी ने कुछ काम नहीं किया. इधर, कांग्रेस की सरकार जाने के बाद डैम निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया. हालांकि, अब मौजूदा सरकार ने डैम निर्माण को लेकर अपनी मंजूरी दी है.

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