मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 27 दिसंबर 2025 को सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट किया, जिसने पार्टी में हलचल मचा दी. इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS-BJP संगठन की तारीफ करते हुए लिखा, 'जमीनी स्तर पर नेताओं के पैरों में बैठने वाला कार्यकर्ता भी भाजपा में आगे बढ़कर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन सकता है.' यह पोस्ट कांग्रेस संगठन में जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की भूमिका और नेतृत्व में विकेंद्रीकरण की कमी पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी के रूप में देखी जा रही है.
राहुल गांधी को सीधा संदेश
दरअसल, यह पहला मामला नहीं है. 19 दिसंबर को दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को सीधे संबोधित करते हुए लिखा था कि जैसे देश में चुनाव आयोग में सुधार की जरूरत है, वैसे ही कांग्रेस संगठन को भी विकेंद्रीकरण और बड़े बदलावों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ी दिक्कत आपको (राहुल गांधी को) मनाने की है.' इस पोस्ट में उन्होंने कांग्रेस पर ध्यान देने और व्यावहारिक विकेंद्रीकरण कार्यशैली अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
बीजेपी की तारीफ और कांग्रेस को आईना
दिग्विजय सिंह की 27 दिसंबर की पोस्ट में उन्होंने पीएम मोदी की पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, 'RSS का जमीनी स्वयंसेवक और BJP का जमीनी कार्यकर्ता नीचे बैठकर सीएम और पीएम बना… यह संगठन की शक्ति है.' उनका यह बयान कांग्रेस की उस संस्कृति पर कटाक्ष माना जा रहा है, जहां गुटबाजी और आलाकमान के करीबी को योग्यता से ऊपर रखा जाता है.
सोशल मीडिया पर चर्चा और राजनीति
दिग्विजय सिंह ने पोस्ट में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ नरेंद्र मोदी को भी टैग किया. इसने राजनीतिक पारा और बढ़ा दिया. CWC बैठक में भी उपस्थित दिग्विजय ने पार्टी के भीतर सत्ता केंद्रीकरण और संगठन सुधार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'प्रदेशों में अध्यक्ष तो बताए जाते हैं, लेकिन कमिटी का गठन नहीं किया जाता. संगठन में सत्ता का विकेंद्रीकरण जरूरी है.'
BJP का पलटवार: सुधांशु त्रिवेदी का तीखा हमला
दिल्ली में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के हालिया ट्वीट पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है, इसमें कुछ भी बहुत अहम नहीं है; दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी की समझ पर सवाल नहीं उठाया है.”
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब The Promised Land का जिक्र करते हुए कहा, ओबामा ने चैप्टर-24 में राहुल गांधी को ऐसे छात्र की तरह बताया है जो शिक्षक को प्रभावित करने के लिए ज्यादा हाव-भाव दिखाता है, लेकिन उसमें गंभीरता और वास्तविक ज्ञान की कमी है.”
बीजेपी सांसद ने सवाल उठाया कि “जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की राय किसी नेता को लेकर बनती है, तो वह वर्षों तक अमेरिकी अभिलेखों में दर्ज रहती है. इसके बावजूद राहुल गांधी को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में बुलाया जाना क्या हैरानी की बात नहीं है?” उन्होंने कहा कि इससे
“राहुल गांधी की विदेशी यात्राओं की निष्पक्षता और उद्देश्य पर सवाल खड़े होते हैं.”