Digital Arrest Cyber Fraud : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indiore) से ठगी का ऐसा मामला सामने आया है जिसने सब को हैरान करके रख दिया. कुछ शातिर ठगों ने एक 70 साल के बुजुर्ग को बेवकूफ बनाते हुए उससे 40 लाख रुपये हड़प लिए. लूट जाने के बाद जब बुजुर्ग को ठगी का एहसास हुआ तो वह थाने पहुंचे और पुलिस को आपबीती बताई. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. दरअसल, इस ठगी को साइबर ठगों ने नई चाल 'डिजिटल अरेस्ट' का सहारा लेकर अंजाम दिया. मिली जानकारी के मुताबिक, ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए बुजुर्ग को कॉल किया और गिरफ्तारी का डर दिखाकर उससे मोटी रकम ऐंठ ली.
क्या है 'डिजिटल अरेस्ट'?
दरअसल, 'डिजिटल अरेस्ट' साइबर ठगों का नया तरीका है. इसमें ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को वीडियो कॉल करते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर घर में ही मानसिक तौर पर बंधक बना लेते हैं. इस दौरान वे उन्हें डराकर पैसे ठग लेते हैं.
कैसे हुई ठगी?
पुलिस के अनुसार, इंदौर के इस बुजुर्ग को दो ठगों ने कॉल किया और खुद को मुंबई पुलिस और CBI अधिकारी बताया. ठगों ने बुजुर्ग को कहा कि उनके नाम पर मुंबई के केनरा बैंक में एक खाते से 2.60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. ठगों ने बुजुर्ग को वीडियो कॉल पर 'डिजिटल अरेस्ट' कर लिया और पूछताछ के बहाने तरह-तरह के निर्देश देते रहे.
पैसे कैसे ठगे?
ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि अगर वह निर्दोष साबित होते हैं... तो पैसे वापस मिल जाएंगे. ठगों की बातों से डरकर बुजुर्ग ने अपनी पूरी जमा-पूंजी, करीब 40.70 लाख रुपये, अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए. ठगों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद पैसे उनके खाते में वापस आ जाएंगे.
ठगी का अहसास होने पर की शिकायत
ठगी का अहसास होते ही बुजुर्ग ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज किया. फिलहाल, पुलिस इस मामले में ठगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है और इस ठगी के पीछे के गिरोह का खुलासा करने में जुटी है. घटना लोगों के लिए एक चेतावनी है कि वे ऐसी कॉल्स से सतर्क रहें और बिना जांच-परख के किसी अनजान व्यक्ति पर विश्वास न करें.
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