Devgarh Village: गांव के अंदाज में न्यू ईयर सेलिब्रेशन ! देवगढ़ महोत्सव में लीजिए गिल्ली-डंडा, बैलगाड़ी और कंचे का फ्री में मजा

Devgarh Mahotsav: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बसे देवगढ़ गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. यहां के नजारे हर किसी के मन को मोह लेता है. वहीं इस गांव में बहने वाली बेतवा नदी यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. अगर आप न्यू ईयर में शोर-शराबा से दूर रहने चाहते हैं तो प्रकृतिक के गोद में बसे इस गांव में आ सकते हैं. यहां नए साल पर महोत्सव का आयोजन किया गया है, जहां आप बैल गाड़ी की सवारी, पतंगबाजी, रस्सीकूद, कंचे, पिट्टू, लट्टू और गिल्ली-डंडा का मजा ले सकते हैं.

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Devgarh Village: पतंग उड़ाने, रस्सीकूद, कंचे, पिट्टू, गिल्लीडंडा, बैल गाड़ी का सफर और संतरे के बाग में चाय का आनंद... कुछ ऐसे पारंपरिक खेल कूद के साथ देवगढ़ महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे पर्यटन गांव देवगढ़ में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देवगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह महोत्सव 31 दिसंबर से शुरू होकर 2 जनवरी तक चलेगा.

छिंदवाड़ा में देवगढ़ महोत्सव का आयोजन

तीन दिनों तक चलने वाले महोत्सव में आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है. इसमें विशेष रूप से ग्रामीण खेलों के साथ बैल गाड़ी का सफर, होने स्टे विजिट जैसे लोकप्रिय इवेंट शामिल किए जा रहे है. जिला प्रशासन के साथ मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड जिला पुरातत्व पर्यटन के प्रयासों से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.

देवगढ़ जितना प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है उतना ही यहां की संस्कृति भी लोगों को काफी पसंद है. यहां पर्यटक आते हैं और देशी सभ्यता से रूबरू होते हैं. यहां पर्यटकों के लिए होम स्टे की सुविधा है.

नए साल पर लीजिए बैल गाड़ी की सवारी, पतंगबाजी- गिल्ली-डंडा का मजा

पर्यटन बोर्ड के डायरेक्टर डी पी सिंह ने बताया कि देवगढ़ महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है. देवगढ़ महोत्सव में आने वाले टूरिस्टों के लिए बैल गाड़ी की सवारी, पतंगबाजी, रस्सीकूद, कंचे, पिट्टू, लट्टू और गिल्ली-डंडा खेलने का मजा मिलेगा. आपको इसका आनंद फ्री में मिलेगा. 

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है देवगढ़ गांव 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बसे देवगढ़ गांव 18वीं सदी में गोंड साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. इस दौरान इस गांव में एक से बढ़कर एक सुंदर और भव्य मंदिर और किले बनाए गए. दरअसल, देवगढ़ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहां के नजारे हर किसी के मन को मोह लेता है. वहीं इस गांव में बहने वाली बेतवा नदी यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है.

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देशी रीति रिवाजों से पर्यटकों का स्वागत

इन किलों और प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने पर्यटक यहां पहुंचते हैं. यहां पर्यटकों को देशी रीति रिवाजों के साथ स्वागत किया जाता है, जो पर्यटकों को खूब लुभाता है. यहां बनाए गए स्टे होम की दीवारों को पेंटिंग से सजाया गया है, जो इन स्टे होम को आकर्षक बनाते हैं. 

होम स्टे का खर्च महज इतने रुपये

देवगढ़ महोत्सव में आने वाले पर्यटक होम स्टे में सेल्फी भी सकते हैं, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. वर्तमान में देवगढ़ में 12 होमस्टे संचालित हैं. ऐसे में आप इन होम स्टे में भी रुक सकते हैं. ये होम स्टे पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक आतिथ्य और ग्रामीण जीवन शैली का अनुभव प्रदान कर रहे हैं. होम स्टे का प्रतिदिन का किराया 2000 से 3000 रुपये है, जिसमें पर्यटकों को पारंपरिक भोजन चाय नाश्ता दिया जाता है.

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