Monsoon Diseases: डेंगू-मलेरिया पर नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल को बना रहे हैं हथियार, बीमारियों से होगी रोकथाम

Dengue-Malaria: ठहरे हुए पानी में मलेरिया और डेंगू के मच्छरों के लार्वा नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल सबसे सस्ता और कारगर उपाय है. ऑयल बॉल लकड़ी के बुरादे, खराब ऑयल और अनुपयोगी कपड़ों से तैयार की जाती हैं. आमजन भी अपने आसपास ठहरे हुए पानी में ऑयल बॉल डाल कर डेंगू और मलेरिया के नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Common Monsoon Diseases Prevention Tips: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में कलेक्टर प्रवीण सिंह (Collector Praveen Singh) ने देव नगर कॉलोनी में नगर पालिका (Nagar Palika) अमले के साथ ठहरे व जमे हुए पानी वाले स्थानों में ऑयल बॉल (Oil Ball) डालकर डेंगू-मलेरिया नियंत्रण (Control Dengue and Malaria) में आम नागरिकों से अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की है. यह ऑयल बॉल 15 दिन बाद उन्हीं स्थानों में फिर से डाली जाएंगी. वहीं जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने इछावर जनपद के ग्राम पंचायत सिराली में ठहरे हुए पानी में ऑयल बॉल डाली. इस अभियान के साथ ही एक पेड़ मां के नाम (EK Ped Maa Ke Naam) अभियान के तहत पौधरोपण (Plantation) भी किया गया.

60 हजार से ज्यादा ऑयल बॉल डाली गईं

कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान के तहत 60 हजार से अधिक ऑयल बाॅल डाली गईं. इसमें 54 हजार से अधिक ऑयल बॉल ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 6 हजार से अधिक ऑयल बॉल नगरीय क्षेत्रों में रुके हुए पानी में डाली गईं. 'ऑयल बॉल को बनाकर हथियार, मलेरिया डेंगू को भगाएंगे इस बार' इन नारों के साथ अभियान चलाया गया. 

Advertisement

सस्ता और कारगर उपाय है ऑयल बॉल

ठहरे हुए पानी में मलेरिया और डेंगू के मच्छरों के लार्वा नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल सबसे सस्ता और कारगर उपाय है. ऑयल बॉल लकड़ी के बुरादे, खराब ऑयल और अनुपयोगी कपड़ों से तैयार की जाती हैं. आमजन भी अपने आसपास ठहरे हुए पानी में ऑयल बॉल डाल कर डेंगू और मलेरिया के नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं.

Advertisement

ऐसे बनाई गईं ऑयल बॉल

बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए एवं मच्छरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रण के लिए जले हुए तेल, मोटरऑयल से निर्मित बॉल बनाई जाती है.

Advertisement
यह बाॅल लकड़ी के बुरादे को सूती कपड़े में लपेटकर और फिर जले हुए तेल में भिगोकर बनाई गई है.

इस बाल को जहां भी पानी जमा होता है जैसे- नाले-नाली में,  खाली प्लाट में या ऐसी सभी जगह जहां पानी की निकासी लम्बे समय तक नहीं हुई, वहां पर इस बॉल को फेंका व डाला गया है.

ऑयल बॉल ऐसे करेगी काम

ऑयल बॉल से तेल निकल कर पानी की पूरी सतह को कवर कर लेगा. जिससे मच्छर के किसी भी प्रकार के लार्वा को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिलने से वह पनप नहीं पाएगा.

ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों ने तैयार की ऑयल बाल

इस अभियान को सफल बनाने में ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जिले में 60 हजार ऑयल बॉल बनाई गईं. जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में 100-100 ऑयल बॉल तथा सभी नगरीय क्षेत्रों में 6,000 से अधिक ऑयल बॉल तैयार की गईं.

यह भी पढ़ें : Monsoon Diseases: बरसात का मजा, बीमारियों की सजा, जानिए डॉ फोर्टिस हॉस्पिटल की Prevention Tips

यह भी पढ़ें : NDTV Ground Report: शिवपुरी में 376 में से 54 स्कूल जर्जर, यहां 7 साल से है इंतजार, क्या कर रही है सरकार

यह भी पढ़ें : Poshan Tracker App: डाटा में गड़बड़ी का आरोप, नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा, जानिए पूरा मामला

यह भी पढ़ें : Employee Commission: एक पद एक वेतन की राह पर MP सरकार, प्रदेश के 5 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा या नुकसान

Topics mentioned in this article