MP में डेंगू का डंक: भोपाल में 170 हुई डेंगू पीड़ितों की संख्या, जानें लक्षण और उपचार

Dengue in Bhopal : भोपाल में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है. यहां हर दिन दो-तीन मरीज मिल रहे हैं. बुधवार को भी दो नए मरीज सामने आए हैं. इसके साथ ही अब राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या 170 पर पहुंच गई है.

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Dengue outbreaks Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू ने (Dengue outbreaks in Bhopal) अब रफ्तार पकड़ लिया है.  यहां हर दिन दो-तीन मरीज मिल रहे हैं. बुधवार को भी दो नए मरीज सामने आए हैं. अब तक यहां 170 मरीज डेंगू से पीड़ित मिले हैं. सबसे चिंताजनक बात ये है कि 60 मरीज सिर्फ अगस्त महीने में मिले हैं, जबकि जुलाई महीने में 51 मरीज मिले थे. वहीं आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ने के अनुमान है.

इधर, जिले में डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और लगातार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहा है.  

भोपाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि डेंगू के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने अपील की है कि लोग अपने आसपास पानी जमा न होने दें. कूलर और टंकियों की नियमित सफाई करें, और मच्छरदानी का प्रयोग करें.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि किसी भी बुखार की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि समय पर सही इलाज मिल सके.

डेंगू कैसे होता है?

संक्रमित एडीज एजिप्टी मच्छर (Aedes aegypti) के काटने से मनुष्यों में डेंगू फैलता है. डीईएनवी वायरस संक्रमण के चलते यह बीमारी होती है. दरअसल, डेंगू संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है. आमतौर पर डेंगू बुखार के लिए चार वायरस जिम्मेदार होते हैं, जिनमें डीईएनवी-1, 2,3 और डीईएनवी-4 शामिल हैं.

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इनमें से कोई भी वायरल डेंगू का कारण बन सकता है. जब कोई व्यक्ति इन में किसी भी वायरस से पीड़ित होता है और उस व्यक्ति को मच्छर काट लेता है, तो इससे वायरस मच्छरों में प्रवेश कर जाता है. जब ये संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो यह वायरस ब्लड फ्लो या सर्कुलेशन के जरिए उसके शरीर में फैलने लगता है. 

डेंगू से पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण होते हैं (symptoms of Dengue)-

1. मसल्स और ज्वॉइंट्स में पेन
2. सिर दर्द
3. हल्का या तेज बुखार

4. आंखों में दर्द
5. चक्कर आना
6. उल्टी जैसा महसूस होना

7. ग्रंथियों में सूजन
8. पेट दर्द

डेंगू के शुरुआती दौर में उचित इलाज कराने से बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है. वहीं गंभीर लक्षण दिखाई देने के बाद रिकवरी मुश्किल होती है और कई केस में मरीज की मौत भी हो जाती है.

डेंगू से मरीज की जा सकती है जान?

बता दें कि डेंगू का बुखार होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं और ये एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की जान भी जा सकती है. दरअसल, प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद छोटी कोशिकाएं होती हैं, जो खून को जमाने में मदद करती हैं. वहीं शरीर में प्लेटलेट कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) कहते हैं. हालांकि डेंगू के अलावा भी कई कारणों से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है.

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डेंगू में प्लेटलेट्स कम क्यों हो जाती हैं?

1. बोन मैरो का कमज़ोर होना: बोन मैरो वो जगह होती है जहां प्लेटलेट्स बनती हैं. हालांकि डेंगू होने पर वायरस बोन मैरो को प्रभावित कर देता है, जिससे प्लेटलेट्स का बनना कम हो जाता है.

2. खून का रिसाव: डेंगू में कभी-कभी खून की नली से रिसाव हो जाता है. इससे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है.

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3. प्लेटलेट्स का टूटना: डेंगू वायरस या शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कभी-कभी खून में मौजूद प्लेटलेट्स को भी तोड़ देती है. इससे भी प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है.

NTU सिंगापुर के मुताबिक, डेंगू को रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपना सकते हैं. NTU सिंगापुर के अनुसार, डेंगू इन्फेक्शन को तुरंत डिटेक्ट कर सकते हैं, डेंगू हो जाए तो तुरंत सटीक उपचार करवाएं, रिकवरी के बाद मरीज निगरानी में रहें, कुछ समय तक स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और कुछ समय तक नियमित रूप से जांच कराएं.

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