MP DAP Fertilizer Crisis: मध्य प्रदेश में डीएपी खाद संकट कितनी बड़ी है, इसकी बानगी मंगलवार को भिंड जिले में दिखी, जहां डीएपी खाद के लिए एक बुजर्ग पूरी रात आसमान के नीचे रात गुजारने को विवश दिखा. खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को बेबस किसान की बेबसी किसी को भी भावुक कर देगी, लेकिन शासन और प्रशासन दोनोंं बेखर है.
गौरतलब है रबी फसलों की बुआई सीजन में किसानों को अक्सर डीएपी खाद का संकट झेलना पड़ता है. इस सीजन में डीएपी खाद की किल्लत के चलते किसानों की नींद भी हराम हो गई है. किसानों को खाद के लिए रात-रात लाइनें लगानी पड़ रही है.किसानों को पर्याप्त DAP खाद नहीं मिल रही है, जिससे किसानों को खुले आसमान में ठिठुरने को मजबूर हैं.
निजी दुकानों पर कालाबाजारी, 1700 रुपए में बिक रही एक बोरी खाद
रिपोर्ट के मुताबिक DAP खाद के बीच निजी खाद की दुकानों पर जमकर कालाबाजारी हो रही है. वेबस किसान औने-पौने दाम पर जरूरत की खाद लेने को मजबूर हैं. किसान रात-रात भर जागते हैं, लेकिन उन्हें केवल 2 बोरी ही डीएपी खाद मिल पा रही है, जिससे निजी खाद संचालक एक बोडी डीएपी खाद के लिए 1700 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं.
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समय पर खाद नही मिला तो गेंहू का रकबा घटने का सता रहा है डर
प्रदेश में डीएपी खाद के संकट के चलते किसानों को रोजी-रोटी पर संकट गिरता नजर आ रहा है. यही कारण है कि निजी दुकानदार मनमाने दर खाद बेच रहे हैं. दुकानदारों पर शासन और प्रशासन के अंकुश नहीं होने से किसान खुलेआम लूटे जा रहे हैं, लेकिन लगता है कि जिम्मेदारों ने आंखों में पट्टी बांध रखी है.
ठंड में ठिठुर रहे किसान ने एनडीटीवी से की बात और बताई बेबसी
प्रदेश में डीएपी खाद के बीच किसान खाद की दुकानों के सामने डेरा डाल दिया है. जिले के एक खाद विक्रय पर खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे एक बुजुर्ग किसान से एनडीटीवी के रिपोर्टर ने बात की. सुबह खाद मिलने की उम्मीद बांधे ठंड ेमं खुले आसमान से सोने को मजबूर बुजुर्ग ने बताया कि खुले आसमान के नीचे सोने के सिवाय कोई चारा नहीं है.
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