Damoh Fake Doctor Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने दमोह मिशन अस्पताल मामले (Mission Hospital Case) में सीएमएचओ मुकेश जैन को दोषी ठहराया है. कानूनगो बुधवार को दमोह के मानस भवन में सकल वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
कानूनगो ने कहा कि सीएमएचओ ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने अस्पताल लाइसेंस को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उनका कहना था कि जिस डॉक्टर के नाम पर लाइसेंस दिया गया, वह निरीक्षण के दौरान मौजूद नहीं था. फिर भी अस्पताल को लाइसेंस कैसे मिल गया.
CMHO डॉक्टर को बचा रहे
मानवाधिकार आयोग सदस्य ने आरोप लगाया कि सीएमएचओ और प्रशासन डॉक्टर अजय लाल को बचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा आर्थिक घोटाला है. आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के तहत फर्जी तरीके से राशि निकाली गई. फर्जी डॉक्टर से मरीजों की सर्जरी कराई गई, जिससे उनकी जान चली गई.
कानूनगो ने दी चेतावनी
कानूनगो ने चेतावनी दी कि इस मामले में चाहे सीएमएचओ हो या कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने इस मामले में ईओडब्ल्यू जांच की मांग की है.
18 वर्षों से था डॉक्टर, सात लोगों की मौत
आरोप है कि कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेंद्र यादव ने गिरफ्तार होने से पहले डेढ़ महीने में 15 ऐसी दिल की सर्जरी कीं, जिसमें से सात मरीजों की मौत हो गई. आरोपी पिछले 18 वर्षों से डॉक्टर बना हुआ था और सर्जरी करता आ रहा था. अब आरोपी के कारनामों की परत खुल रही है.
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