मध्य प्रदेश में शुरू हुई देश की पहली अनूठी रोजगार योजना, युवा काम भी सीखेंग और कमाएंगे भी

मध्य प्रदेश के युवा अब काम भी सीखेंगे और उसके बदले में उन्हें 8 से 10000 रुपये महीने राशि भी मिलेगी. ऐसी योजना बनाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. दरअसल मध्य प्रदेश में 'सीखो कमाओ योजना' शुरू हो गई है.

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मध्य प्रदेश में शुरू हुई देश की पहली अनूठी रोजगार योजना, युवा काम भी सीखेंग और कमाएंगे भी

भोपाल: मध्य प्रदेश के युवा अब काम भी सीखेंगे और उसके बदले में उन्हें 8 से 10000 रुपये महीने राशि भी मिलेगी. ऐसी योजना बनाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. दरअसल मध्य प्रदेश में 'सीखो कमाओ योजना' शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कुछ युवाओं को स्वीकृति पत्र देकर इस योजना का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया. सीएम ने कहा कि हमने कल्पना की थी, हमारे जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, 12वीं या आइटीआई कर लेते हैं, उनको जॉब की जरूरत होती है. 

अब बच्चों को रोजगार के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने देखा है कि बच्चे रोजगार के लिए परेशान होते हैं. यह बात मेरे मन में बैठ गई थी. कई दिनों से बात दिमाग में थी कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएँ.

अब तक 60000 पदों पर हो गई सरकारी भर्ती, 40000 हजार और हो रहीं

मध्य प्रदेश में 1 साल में 60000 पदों पर सरकारी भर्ती पूरी कर ली गई है और 40000 पदों पर भर्ती जारी है. लेकिन सभी को सरकारी नौकरी दिया जाना संभव नहीं है. इसलिए हमने सीखो कमाओ योजना बनाई है. स्वरोजगार, इसके लिए हमारी सरकार ने उद्यम क्रांति योजना बनाई है जिसमें एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है. 

हम बच्चों को ट्रेनिंग, रोजगार के साथ मेहनताना देंगे: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिए जाने सबंधी की योजना का ऐलान करने की बात पर कटाक्ष किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिये, लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है। गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है. इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है। हमने कहा कि हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे। इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया। हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाईपेंड देंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना हम प्रारंभ कर रहे हैं। बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए. मुख्यमंत्री नई योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किये गए थे। 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16,744 कंपनियाँ पंजीकृत हो चुकी हैं। 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं. 15,092 अनुबंध निर्मित किये जा चुके हैं. सीएम ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएँ, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी. 

सरकार द्वारा दिया जाएगा प्रमाण पत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखो कमाओ योजना के द्वारा आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रमाणन मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं, 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे। मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है।  मध्य प्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं. 

दूसरे राज्य भी अपनाएंगे SKY योजना

मुख्यमंत्री ने कहा मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ (SKY) योजना  अद्भुत योजना है, यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे. 

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