कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामला: SIT ने लिया एक और बड़ा एक्शन, श्रीसन फार्मा कंपनी के MR को किया गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में Coldrif cough syrup case से 24 बच्चों की मौत के बाद SIT investigation India ने pharma company MR arrested कर लिया है. इस toxic medicine scandal में DEG chemical poisoning की पुष्टि हुई है.

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Coldrif Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से जुड़ा कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. जहरीले सिरप से 24 मासूम बच्चों की मौत के बाद सरकार और जांच एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है. अब इस केस में एसआईटी ने कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) सतीश वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि जांच सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर जिम्मेदार व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश जारी है.

कंपनी के MR पर गिरी कार्रवाई की गाज

एसआईटी अधिकारी जितेंद्र सिंह जाट ने छिंदवाड़ा के कूकड़ा जगत क्षेत्र से श्रीसन फार्मा कंपनी में कई वर्षों से कार्यरत एमआर सतीश वर्मा को हिरासत में लिया है. उसे पूछताछ के लिए परासिया ले जाया गया है. माना जा रहा है कि सतीश वर्मा वितरण शृंखला और डॉक्टरों तक दवा पहुंचाने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता था.

क्या है कोल्ड्रिफ कफ सिरप?

कोल्ड्रिफ कफ सिरप खांसी और सर्दी-जुकाम के इलाज में दिया जाने वाला दवा है, लेकिन जांच में पाया गया कि इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला केमिकल मौजूद है. यह वही केमिकल है जो आमतौर पर पेंट और स्याही बनाने में इस्तेमाल होता है. नियम के अनुसार इसकी मात्रा 0.1% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन इस सिरप में यह 48.6% तक पाया गया।

इस जहरीले सिरप की वजह से छिंदवाड़ा और राजस्थान में अब तक 24 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों ने पुष्टि की कि इन मौतों का कारण किडनी फेल्योर था, जो DEG जैसे केमिकल से ही होता है. यही कारण है कि कई राज्यों ने तुरंत इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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पूरे देश में अलर्ट, कंपनी पर सख्त कार्रवाई

तमिलनाडु सरकार ने कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और आपराधिक केस दर्ज किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को, खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चों को, ब्रांड नाम देखे बिना किसी भी तरह का कफ सिरप न दिया जाए.

मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों की खांसी में कफ सिरप देना जरूरी नहीं होता. प्राकृतिक आराम, भाप लेना और तरल पदार्थ देना अधिक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. इसी वजह से अब डॉक्टर भी बिना जरूरत के दवा देने से बचने की सलाह दे रहे हैं. 

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