Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने प्रदेश में गौ-संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व निर्णय लिया है. उनका कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के विकास के लिए जितनी प्रतिबद्ध है उतनी ही गंभीरता से संस्कृति के संवर्धन का कार्य भी कर रही है. गौ-सरंक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को गति देते हुए मध्य सरकार (Madhya Pradesh Government) ने एक नई पहल की है. प्रदेश सरकार ने भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत् 2081 (Indian New Year Vikram Samvat 2081) अर्थात चैत्र महीने (Chaitra Month) से अगले वर्ष तक गौ- वंश रक्षा वर्ष (Cow Protection year) के रूप में मनाने के साथ ही गौ-संरक्षण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.
कब और कहां हुई घोषणा?
हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में "मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हितधारकों की कार्यशाला" एवं "गौ-रक्षा संवाद" में सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में गौ-माता और गौ-वंश के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. गौ-रक्षा संवाद निरंतरता से होता रहेगा. उन्होंने विश्वास दिलाया कि गौ संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी रहेगी, ताकि गायों और गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन के उपाय किये जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण हटाने, प्रति 50 किलोमीटर पर सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हुई गायों को इलाज के लिए भिजवाने और सड़कों पर बैठने वाले पशुधन को बैठने से रोकने अथवा अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिये आधुनिक उपकरणों की सहायता लेंगे.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा कार्यशाला एवं गौ-रक्षा संवाद में दिये गये निर्देशानुसार विभाग द्वारा तत्परतापूर्वक कार्यवाही आरंभ कर दी गई है. विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं.
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