1.34 लाख किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर हुई रकम, देवास में CM मोहन यादव का किसानों को बड़ा तोहफा

Madhya Pradesh Soyabean Farmers: सीएम डॉ मोहन यादव ने भावांतर योजना की राशि 13 नवंबर को किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी. सीएम ने कहा कि आज 233 करोड़ से ज्यादा की राशि एक लाख 34 हजार से ज्यादा किसानों खाते में वितरित की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Madhya Pradesh Bhavantar Bhugtan Yojana: मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए 13 नवंबर यानी गुरुवार का दिन खुशखबरी लेकर आया, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana) के तहत किसानों को राशि ट्रांसफर कर दी. सीएम ने 1 लाख 34 हजार किसानों भावंतर योजना के तहत भुगतान किया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि किसानों के खाते में भावांतर की राशि डालकर हमने अपना संकल्प पूरा किया है. किसानों को बगैर किसी कष्ट के एमएसपी पर उनकी फसल का दाम दिलाएंगे.

सीएम ने कहा कि आज 233 करोड़ से ज्यादा की राशि एक लाख 34 हजार से ज्यादा किसानों खाते में वितरित की गई है. 15 जनवरी तक राज्य सरकार का इसी तरह का क्रम चलता रहेगा. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने खाते अपडेट करा लें. भावन्तर योजना की जमकर तारीफ करते हुए सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि यह योजना इतनी अच्छी है कि कई सारे राज्य हमारी योजना को देखने आ रहे हैं. भारत सरकार के अधिकारी भी यहां आकर इस योजना का लाभ देख रहे हैं.  प्रदेश के अन्नदाताओं की सोयाबीन उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ दिलाने के लिए भावांतर योजना लागू की गई है.

1.60 लाख किसानों से खरीदी सोयाबीन

राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के 1.60 लाख से ज्यादा किसानों से लगभग 2.70 लाख टन सोयाबीन की खरीद की है. प्रत्येक किसान को 13 नवंबर को उनके बैंक खातों में उनकी उपज के लिए लगभग 1,300 रुपये प्रति क्विंटल दिए गए.

सरकार सोयाबीन की फसल 'मंडी' दर (कृषि उपज बाज़ार मूल्य जो अलग-अलग दिनों में अलग-अलग होते हैं) पर ख़रीद रही है. सरकार के अनुसार, इस वर्ष सोयाबीन फ़सल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि वर्तमान मूल्य 4,036 रुपये प्रति क्विंटल आंका गया है.

Advertisement

सरकार ने सोयाबीन फसल के लिए औसत मंडी मूल्य की गणना की है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे मूल्य अंतर की भरपाई करने का फैसला किया है.

सीएम ने सितंबर में की थी घोषणा

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सितंबर की शुरुआत में घोषणा की थी कि राज्य सरकार इस साल सोयाबीन की फसल के लिए 'भावांतर भुगतान योजना' लागू करेगी, जिसके तहत किसानों को बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच का "अंतर" भुगतान किया जाएगा.

Advertisement

मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है, जिसे अक्सर 'सोया कटोरा' कहा जाता है, और मालवा क्षेत्र अपनी उपजाऊ काली कपास मिट्टी के कारण इसका प्रमुख केंद्र है.