CM Mohan Yadav: 'एमपी में चल रहा तीन हजार कुएं-बावड़ी का सुधार कार्य', चिंतामण गणेश मंदिर पूजा करने पहुंचे सीएम यादव

Ujjain News in Hindi: उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर पहुंचे सीएम मोहन यादव ने अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन हजार कुएं-बावड़ी का सुधार कार्य चल रहा है.

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सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में पूजा के दौरान किया बड़ा ऐलान

Ponds Restoration in MP: मध्य प्रदेश में जल संरक्षण का अभियान (Water Conservation Campaign) जारी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने शुक्रवार को उज्जैन (Ujjain) के लक्ष्मण बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में तीन हजार कुएं और बावड़ी के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. मुख्यमंत्री ने चिंतामण गणेश मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद मंदिर के प्रांगण में लक्ष्मण बावड़ी के जीर्णोद्धार के लिए पूजन किया.

सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में की पूजा

इस मौके पर सीएम यादव ने कहा कि राज्य में जल संरक्षण के अभियान के तहत तीन हजार से ज्यादा कुएं और बावड़ी का काम किया गया है, जहां से जल धारा प्रकट हुई है. यह बावड़ी मूल स्वरूप में आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण के आव्हान को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में ये काम चल रहा है.

जल गंगा संरक्षण अभियान के दौरान सुधार कार्य

उन्होंने कहा कि राज्य में जल गंगा संरक्षण अभियान चल रहा है. यह अभियान 30 अप्रैल को शुरू हुआ है और यह 30 जून तक चलने वाला है. तीन माह के इस अभियान में राज्य की तमाम जल संरचनाओं को दुरुस्त कर जल संरक्षण की क्षमता को बढ़ाना है. राज्य में सरकारी विभागों के अलावा जन सहयोग से जल संरचनाओं को सुधारा जा रहा है.

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दीवान जी की तलैया का भी जीर्णोद्धार

राज्य के दमोह जिले में भी 'दीवान जी की तलैया' को सुधारने का काम विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अपने हाथ में लिया है. प्रशासन का सहयोग मिल रहा है और लगातार तलैया में जमा गंदगी को हटाया जा रहा है, वहीं गहराई भी बढ़ाई जा रही है. बताया जाता है कि यह तालाब पेशवाकालीन है. यह लगभग नौ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.

इस तालाब का पानी इस क्षेत्र के लोगों की जरूरत पूरी करता रहा है, लेकिन गंदगी के कारण यह अनुपयोगी हो गया था. परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों ने पहल की और प्रशासन से सहयोग मांगा. समाज और प्रशासन के सहयोग से इस तालाब की तस्वीर बदली जा रही है. इस तालाब से आसपास के जल स्रोतों को भी लाभ होता था. वे इस तालाब के पानी के कारण रिचार्ज हो जाते थे और पानी का संकट कम रहता था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)