छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: नौ बच्चों की मौत का ज‍िम्‍मेदार कौन? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) कफ सिरप कांड में नौ बच्चों की मौत के बाद विशेषज्ञ सिरप, पानी और पर्यावरण सैंपल की गहराई से जांच कर रहे हैं। केंद्र ने बच्चों में सिरप उपयोग पर सावधानी दी। जान‍िए क्‍या है पूरा मामला?

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Cough Syrup Case Chhindwara Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड अब तक नौ बच्चों की जान ले चुका है. शुरुआती जांच रिपोर्टों में बच्चों की मौत किडनी फेल होने की बात कही जा रही है, मगर सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. ऐसे में सवाल उठ रहा है क‍ि आख‍िर इन मासूमों की मौत का ज‍िम्‍मेदार कौन है.

दिल्ली-भोपाल समेत कई जगहों से टीमें परासिया पहुंचीं

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड की जांच के लिए दिल्ली और भोपाल समेत कई जगहों से टीमें परासिया विकासखंड पहुंची हैं. एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम, जिसमें NCDC, NIV, ICMR, AIIMS नागपुर और राज्य स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ की टीम भी मौत के सभी संभावित कारणों की जांच कर रही है.

संयुक्त टीम ने राज्य प्राधिकरणों के साथ मिलकर कई तरह के सैंपल, जैसे खांसी की सिरप, पानी और पर्यावरण संबंधी नमूने इकट्ठा किए हैं. खांसी की सिरप के नमूनों की जांच में डाइथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल जैसे जहरीले केमिकल नहीं पाए गए. अमूमन ये दोनों केमिकल आमतौर पर गुर्दे को नुकसान पहुंचाने वाले माने जाते हैं.

औषधि प्रशासन और NIV पुणे की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश राज्य औषधि प्रशासन ने भी तीन सैंपल जांचे और पुष्टि की कि इनमें DEG/EG मौजूद नहीं थे. NIV पुणे ने बच्चों के रक्त और CSF के सैंपल की जांच की, जिसमें एक केस में लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण मिला है. NEERI, NIV पुणे और अन्य संस्थान अभी पानी, मच्छरों (Entomological vectors) और सांस के सैंपल्स की जांच कर रहे हैं.

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राजस्थान में भी सिरप पर सवाल

राजस्थान में दो बच्चों की मौत के मामलों में यह दावा किया जा रहा था कि सिरप दूषित था. जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि संबंधित सिरप में प्रोपलीन ग्लाइकोल नहीं है, जो DEG/EG जैसे हानिकारक तत्वों का स्रोत हो सकता है. यह सिरप डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन (Dextromethorphan) आधारित है, जो बच्चों में उपयोग के लिए अनुशंसित नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि बच्चों में खांसी की सिरप का उपयोग सोच-समझकर और सीमित रूप से किया जाए. कुल मिलाकर अब तक की जांच में किसी भी सिरप में जहरीले केमिकल नहीं पाए गए हैं. विशेषज्ञ सभी संभावित कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

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परासिया एसडीएम क्‍या बोले? 

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में परासिया के एसडीएम शुभम यादव कहते हैं कि "परासिया विकासखंड में अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है. रिपोर्ट में किडनी फेल होने की बात कही गई है, लेकिन सटीक कारण अज्ञात है. दिल्ली और भोपाल से टीमें आईं और चूहों व अन्य कीटाणुओं के नमूने एकत्र किए जो संक्रमण के वाहक हो सकते हैं. वे सभी नमूने भी नेगेटिव आए. जिला स्तरीय बैठक में पता चला कि दोनों सिरप दूषित हो सकते हैं. इसलिए, बच्चों के जीवन को ध्यान में रखते हुए, उन सिरप पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की गई. ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम आ गई है और नमूने एकत्र कर रही है. एक सप्ताह में रिपोर्ट आ जाएगी." 

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