रीवा में झुग्गी-झोपड़ियों पर चला बुलडोजर, PM Awas मिलने पर भी परिवारों ने सरकारी जमीन पर कर रखा था कब्जा

Madhya Pradesh News: रीवा में नगर निगम ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया है. कई ऐसे भी लोग थे, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास मिल चुके थे.

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Bulldozer Run on Slums: रीवा नगर निगम (Rewa Municipal Corporation) ने मंगलवार अतिक्रमण (Anti Encroachment Campaign) के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है. इस दौरान निगम का बुलडोजर बस्ती में तेजी से चल रहा है. इलाके में कार्रवाई काफी देर तक चली है. लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई का विरोध भी किया, लेकिन नगर निगम के अमले ने एक न सुनी. इस बस्ती में लगभग 50 परिवार ऐसे थे, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास (Pradhan Mantree Aawas) मिला है. बता दें कि निगम ने अभियान सुबह से पुलिस बल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के निराला नगर स्थित बंसल बस्ती इलाके में चलाया है.

शहर में जमीन, फिर भी सरकारी जमीन पर किया कब्जा

बावजूद इसके, लोगों ने यहां कब्जा किया हुआ था. कुछ तो ऐसे थे जिनके पास शहर में जमीन है, फिर भी यहां रह रहे थे. नगर निगम इनको हटाता भी था, लेकिन फिर से आकर कब्जा जमा लिया करते थे. नगर निगम कमिश्नर सौरभ सोनवणे के अनुसार, अब ऐसा नहीं होगा. इस जगह कुछ निर्माण कार्य किया जाएग. निगम की पहली प्राथमिकता यहां पर गंदे नाले को व्यवस्थित करने की है.

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पीएम आवास मिलने पर जगह नहीं छोड़ने को तैयार

इंजीनियरिंग कॉलेज के बगल में बंसल बस्ती में लंबे समय से लोग अवैध कब्जा बनाकर रह रहे थे, जबकि यहां रहने वाले 45 लोगों को पहले ही प्रधानमंत्री आवास (PM Awas) मिल चुका है. उसके बावजूद यह लोग यह जगह छोड़ने के लिए तैयार नही थे. मिर्जापुर, सीधी सहित अन्य जिलों के बाहर के लोगों को भी हटाया गया है.

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यहां कई ऐसे परिवार आकर रहने लगे थे, क्योंकि वो प्रधानमंत्री आवास लेना चाहते थे. इस बार निगम ने बुलडोजर से अतिक्रमण को पूरी तरह हटाने का मन बना लिया है. उसके बाद यहां से बहने वाले नाले को बनाया जाएगा और इस जमीन का कुछ न कुछ बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा.

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नगर निगम कमिश्नर के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बस्ती के कई निवासियों को पहले ही आवास आवंटित किए जा चुके हैं. इसके बावजूद 150 से ज्यादा परिवार अवैध रूप से सरकारी जमीन पर मकान और झोपड़ियां बनाकर रह रहे थे. यह कार्रवाई पूरे तरीके से अतिक्रमण हटाने तक जारी रहेगी.

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