Voters List पर बवाल! बिहार के बाद MP की मतदाता सूची में उठे सवाल; एक ही पते पर 50 से ज्यादा वोटर्स

Voters List Verification: जहां ओर बिहार में वोटर्स लिस्ट को लेकर मामला तूल पकड़े हुए है, वहीं मध्यप्रदेश में वोटर्स फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि ग्वालियर, इंदौर में सबसे ज्यादा संदिग्ध पते हैं. मध्यप्रदेश में इसके चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

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Voters List Verification: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी!

Voters List Verification: मध्यप्रदेश में 2027 में निकाय चुनाव होना इसके पहले मतदाता सूची पर सवाल उठ रहे हैं, बिहार की वोटर लिस्ट रिवीजन पर उठे विवाद के बीच मध्यप्रदेश में भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, एक ही पते पर कई जगहों पर 50 से अधिक मतदाता पाए गए हैं. दरअसल राज्य निर्वाचन आयोग ने 15 अप्रैल को सभी जिला कलेक्टर और जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर एमपीएसआईडीसी की सूची के आधार पर नगरपालिकाओं और पंचायतों की मतदाता सूची में एक ही घर मे 11 या इससे अधिक दर्ज मतदाताओं का नगरीय निकायवार भौतिक सत्यापन कराने के लिये कहा.

ये आंकड़े चौंकाते हैं

एमपीएसआईडीसी की सूची में जिन घरों में 13 से 20 मतदाता है उनकी संख्या 6 लाख 17 हज़ार 998 हैं जबकि 49 हज़ार 998 में मतदाताओं की संख्या 21 से 30 दर्ज की गई है वहीं 6151 घरों में मतदताओं की संख्या 31 से 40 पाई गई है. 1373 घरों में मतदताओं की संख्या 41 से 50 है और 779 घरों में मतदाताओं की संख्या 50 से अधिक है.

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फिजिकल वेरिफिकेशन

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि सभी कलेक्टर को हमनें पत्र भेजकर 11 या 11 से अधिक मतदाता वाले घरों का भौतिक सत्यापन कराने के लिये कहा था. इन्हें फर्जी वोटर कहा जाना उपयुक्त नहीं है कई बार विसंगतियां आ जाती हैं, इसे अपडेट किया जाता रहा है. हो सकता है मतदाता हों, लेकिन एड्रेस गलत अपडेट हुआ हो,
जांच के बाद जो वस्तुस्थिति होगी वह सपष्ट होगा. भौतिक सत्यापन के बाद अगर पता गलत होता है तो उसे सही किया जाएगा अगर कोई अन्य स्थिती होती है तो कार्रवाई की जाएगी. 2027 के चुनाव के चलते हम अपनी सभी तैयारियों में लगे हैं, इसलिए मतदाता सूचियों की जांच की जा रही है. मतदाता एक जगह से दूसरे जगह शिफ्ट होता रहता है.

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लोकतंत्र खतरे में है : कांग्रेस

मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि "मेरी विधानसभा में जब मैं चुनाव लड़ा था तो आखरी 2 महीने में 70 हज़ार वोट बढ़े थे, मैंने उसकी शिकायत निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन आयोग और हाईकोर्ट में भी की बहुत कोशिशों के बाद भी नाम नहीं काटे गए. मैं यह नहीं कह सकता कि मेरा चुनाव का परिणाम उससे प्रभावित हुआ, यह जांच का विषय है. लेकिन इस तरीके से एक घर में सौ-सौ नाम होना यह अपने आप में बताता है कि राहुल गांधी जो आवाज उठाते हैं वह चाहे महाराष्ट्र, बिहार मध्यप्रदेश हो सब जगह एक जैसे हालात हैं, चुनाव को कैसे खरीदना बेचना और मैनुपुलेट करना है. इसलिए लोकतंत्र खतरे में है. जीतू पटवारी ने मांग की है कि जब बिहार में सत्यापन हो रहा है तो मध्यप्रदेश में भी होना चाहिए."

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चुनाव आयोग निष्पक्ष : बीजेपी

पटवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी मंत्री विश्वास सारंग ने कहा "चुनाव आयोग और चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर कांग्रेस जब हारती है तो आरोप लगाती है. लेकिन जब आप जीतते हो तो सब अच्छा होता है, यानी कि नाच न आवे आंगन टेढ़ा. चुनाव आयोग निष्पक्ष और संवैधानिक संस्था है, चुनाव आयोग और हमेशा निष्पक्षता के साथ चुनाव कराती आई है, लेकिन कांग्रेस के नेता हर एक एजेंसी को हतोत्साहित करके दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, जो उनकी हार की मानसिकता की प्रचारक है."

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